समकालीन जनमत
चित्र -एसके यादव
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विशेष अदालत का निर्णय लोकतंत्र-संविधान और न्यायिक प्रणाली पर गहरा आघात : एआईपीएफ

नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा नामजद सभी आरोपियों को दोषमुक्त किए जाने पर गहरी आपत्ति और अफसोस जाहिर करते हुए आल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआईपीएफ) ने विशेष अदालत द्वारा दिए गए निर्णय को देश के लोकतंत्र – संविधान और न्यायिक प्रणाली पर गहरा आघात बतया है।

एआईपीएफ के संयोजक गिरिजा पाठक ने कहा कि बाबरी मस्जिद को ढहाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसे पूरे विश्व ने आर. एस. एस. – भारतीय जनता पार्टी के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, नृत्य गोपाल दास सहित दर्जनों नेताओं की सक्रिय मौजूदगी में हजारों कारसेवकों को ढ़हाते देखा और स्वयं सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में दिए अपने फैसले में मस्जिद को ढ़हाना गैर कानूनी कहा लेकिन आज अदालत ने उसी गैर – कानूनी कृत्य के लिए के लिए किसी को भी जिम्मेदार ना मानकर देश में न्याय के नाम पर क्या हो रहा है, स्पष्ट कर दिया है।

उन्होंने कहा कि विशेष अदालत का यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र और संविधान पर गंभीर आघात है साथ ही इस बात का चिंतनीय उदाहरण है इस दौर में सारी संस्थाओं को अप्रासंगिक बना दिए जाने का.

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