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शिक्षा संस्थानों को हिंसा और आतंक से बचाए रखना लोकतंत्र व संविधान की रक्षा की पूर्वशर्त है 

नई दिल्ली। जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के गुंडों द्वारा 5 जनवरी को की गई हिंसा की जनवादी लेखक संघ, दलित लेखक संघ, जन संस्कृति मंच और न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव में कड़ी निंदा करते हुए घटना की तत्काल निष्पक्ष जाँच कराने , दोषियों को दण्डित करने, जेएनयू वी सी को तुरंत बर्खास्त करने और गृह मंत्री से इस्तीफा की मांग की है.

6 जानवरी को जारी एक साझा बयान में तीनों लेखक संगठनों ने कहा कि शिक्षा संस्थानों को हिंसा और आतंक से बचाए रखना लोकतंत्र व संविधान की रक्षा की पूर्वशर्त है। 

बयान में कहा गया है कि भारी संख्या में सुरक्षा गार्डो की मौजूदगी वाले जेएनयू कैम्पस में करीब पचास नकाबपोश गुंडे बेरोकटोक अंदर घुसे और उन्होंने शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को बुरी तरह पीटा व कइयों के सिर फोड़ दिए। इस हमले में फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को निशाना बनाया गया है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत चालीस से  अधिक छात्र शिक्षक बुरी तरह घायल हैं। इनका कहना है कि इस हमले को  आरएसएस और एबीवीपी के लोगों ने  सरकार और पुलिस के संरक्षण में अंजाम दिया है।

गौरतलब है कि कैम्पस के पास ही बसंत विहार थाने की पुलिस जेएनयू गेट पर खड़ी कार्रवाई करने का इंतज़ार करती रही। दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की सुनियोजित निष्क्रियता की वजह से हमलावरों ने पूरी निश्चिंतता से अपना काम किया और वहाँ से चले गए। हम लेखक संगठन माँग करते हैं कि इस हिंसा की तत्काल निष्पक्ष जाँच हो और दोषियों को दण्डित किया जाए। इसके साथ हमारी यह भी मांग है कि जेएनयू वी सी को तुरंत बर्खास्त किया जाए और अपनी जिम्मेदारी स्वीकारते हुए भारत के गृह मंत्री इस्तीफा दें।

 

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