समकालीन जनमत

Month : February 2025

ज़ेर-ए-बहस

महाबोधि विहार आंदोलन पर मीडिया और बुद्धिजीवी चुप क्यों ?

समकालीन जनमत
केतन यादव 12 फरवरी 2025 से महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन आमरण अनशन के रूप में चालू है। तमाम बौद्ध‌ भिक्षु अन्न‌ आदि त्याग कर बैठे...
जनमत

कुंभ में अखाड़ों की सांप्रदायिक राजनीति

सुशील मानव
 महाशिवरात्रि पर स्नान के साथ कुंभ मेला सम्पन्न हो रहा है। कुंभ मेला के एक महीने के दौरान तमाम अखाड़ों के साधु संत मीडिया और...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

खून चुसवा बनता माइक्रोफाइनेंस, सुरक्षा जाल नहीं कर्ज जाल

मनोज कुमार सिंह
गोरखपुर और महराजगंज जिले में जनवरी महीने में माइक्रो फाइनेंस के कर्ज जाल में फंस कर दो और महिलाओं ने आत्महत्या कर ली। पिछले वर्ष पूर्वांचल...
जनमत

 गंगा-प्रदूषण से लिज़लिज़ा इंकार क्यों

( आथिरा पेरिंचेरी की यह रिपोर्ट ‘द वायर ’ में 19 फरवरी को प्रकाशित हुई है। समकालीन जनमत के पाठकों के लिए इसका हिन्दी अनुवाद...
कविता

अमरेन्‍द्र कुमार की कविताओं में काव्‍य परंपरा का बोध अभिव्यक्त होता है

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल   अमरेन्‍द्र कुमार की कविताएँ पढ़ते लगता है कि अरसा बाद कोई सचमुच का कवि मिला है, अपनी सच्‍ची जिद, उमंग, उल्‍लास और...
जनमत

संघी डीएनए और संयुक्त राज्य अमरीका से भारतीय नवजवानों की वापसी

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के पद की शपथ  लेने के तुरंत बाद लिए जा रहे फैसलों से वैश्विक संकट खड़ा होने जा...
ज़ेर-ए-बहस

जंजीरों में जकड़े आजादी की धरती पर

समकालीन जनमत
( इसी बीच निर्वासितों के दो जत्थे, 119 और 157 लोगों के, और भी आ चुके हैं, वैसे ही हालात में और उसी हवाई अड्डे...
कविता

अपराजिता अनामिका की कविताएँ पुरुष प्रधान समाज से प्रतिवाद करती स्त्री अस्मिता की पक्षधर हैं

समकालीन जनमत
गुंजन विधान किसी कवि के शुरुआती दौर में जो आवेग और मौजूदा सामाजिक ढांचे के साथ ऐतिहासिक समझ होनी चाहिए वह अपराजिता अनामिका में मौजूद...
ख़बर

औरंगजेब का कुम्भ से संबंध बताने पर शोधछात्र को साइबर थाने से फोन आया , कहा -क्या कार्रवाई चाहते हो

सुशील मानव
25 जनवरी को कुम्भ परेड साइबर थाने से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के शोध छात्र मनीष कुमार के मोबाइल पर एक फोन आता है। फोन पर कहा...
जनमत

‘आप’ के रास्ते भाजपा की दिल्ली में वापसी

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  भाजपा भारी बहुमत से दिल्ली की विधानसभा मे वापस आ गई है। इसके लिए उसे 27 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। भाजपा की...
स्मृति

मुर्दहिया की जमीन पर याद किये गए ‘मुर्दहिया’ के लेखक प्रो. तुलसी राम

राम नरेश राम
(प्रो तुलसी राम स्मृति आयोजन , धरमपुर आजमगढ़) 9 फरवरी 2025 को आजमगढ के धरमपुर गाँव में प्रो तुलसीराम को याद किया गया। 1 जुलाई...
साहित्य-संस्कृति

कलिंग पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा से बाहर आने का फैसला किसी की प्रेरणा का नतीजा नहीं था : देवी प्रसाद मिश्र

वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र ने एक वक्तव्य में कहा है कि ‘ कलिंग पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा से बाहर आने का  फैसला किसी की प्रेरणा...
साहित्य-संस्कृति

जसम लखनऊ का सम्मेलन : असगर मेहदी अध्यक्ष, शैलेश पंडित कार्यकारी अध्यक्ष तथा फरजाना महदी सचिव चुने गए

लखनऊ। जन संस्कृति मंच की लखनऊ इकाई का सम्मेलन नौ फरवरी को सी बी सिंह सभागार, हजरतगंज में आयोजित हुआ जिसमें उर्दू लेखक, इतिहासकार तथा...
साहित्य-संस्कृति

कवि केशव तिवारी ने प्रायोजकों के साथ अपनी वैचारिक असहमति के कारण लिया कलिंगा सम्मान वापसी का फ़ैसला

उमा राग
कवि केशव तिवारी ने कलिंगा सम्मान के प्रायोजकों के साथ अपनी वैचारिक असहमति दर्ज करते हुए इस सम्मान को स्वीकार न करने का फैसला किया...
कविता

सत्यम तिवारी की कविताएँ व्यवस्था के दंभ से व्यक्ति के भीतर पनप रहे अन्तर्द्वंद को व्यक्त करती हैं

समकालीन जनमत
अनुराग यादव सफलता की नयी-नयी मिसालें स्थापित करने के वर्तमान समय में एक व्यक्ति के भीतर बढ़‌ती बेचैनी को दर्शाने का सफ‌ल प्रयास सत्यम तिवारी...
जनमत

ठन्डे उत्तरों के पीछे खौलते सवालों की कविता

समकालीन जनमत
मनीष आज़ाद मौमिता आलम की ही समकालीन कवि और दलित एक्टिविस्ट मीना कंडासामी कविता के बारे में कहती हैं कि यह वह जगह है, जहाँ...
जनमत

कथा पुस्तक ‘कोई है जो’ को कलिंग पुरस्कार दौड़ से बाहर रखने की लेखकीय अपील

समकालीन जनमत
वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र ने अपनी कथा पुस्तक ‘कोई है जो’ को कलिंग पुरस्कार के लिए शार्ट लिस्ट किए जाने से मना कर दिया...
जनमत

कुम्भ मेला : संगम आस्था और त्रासदी का

दिनेश अस्थाना
29 जनवरी लगने ही वाली थी। प्रयागराज के महाकुम्भ मेले में संगम नोज़ पर अचानक भीड़ उमड़ पड़ी, भगदड़ मच गयी। घटना के लगभग 10...
जनमत

कोलम्बिया के राष्ट्रपति गुस्तावों पेट्रो का ट्रम्प को जबड़ा-तोड़ जवाब

समकालीन जनमत
  कोलम्बिया एक छोटा सा देश है, आबादी महज़ 5 करोड़। पर उसके राष्ट्रपति गुस्तावों पेट्रो के पास रीढ़ की हड्डी भी है। एक तरफ...
साहित्य-संस्कृति

भगवान स्वरूप कटियार के लेखन में लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने की चिंता है – जयप्रकाश नारायण

लखनऊ। हिंदी के वरिष्ठ कवि तथा साहित्यकार भगवान स्वरूप कटियार को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में उनके 75 साल का होने पर...
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