कविता विमलेश त्रिपाठी की कविताएँ हमारे समय में अभिव्यक्ति पर मंडराते ख़तरों की शिनाख़्त करती हैंसमकालीन जनमतJuly 30, 2023July 30, 2023 by समकालीन जनमतJuly 30, 2023July 30, 20230142 राजेश जोशी विमलेश की कविताएँ इस समय की कविता की सबसे बड़ी उलझन की ओर संकेत करती हैं। प्रोद्यौगिकी ने समय की गति को इतना...
कविता मुन्नी गुप्ता की कविताएँ अपने समय की पीड़ा और परिदृश्य के सच को उजागर करती हैंसमकालीन जनमतJuly 16, 2023July 16, 2023 by समकालीन जनमतJuly 16, 2023July 16, 20230170 निरंजन श्रोत्रिय समकालीन युवा काव्य परिदृश्य में मुन्नी गुप्ता एक दस्तक देता हुआ नाम है। उनकी कविताओं में व्यंग्य और कटाक्ष छितरा हुआ है लेकिन...
कविता भास्कर लाक्षाकार की कविताएँ जीवन अनुभवों से निर्मित मनुष्य की स्पोन्टेनिटी से सृजित हैंसमकालीन जनमतJuly 9, 2023July 9, 2023 by समकालीन जनमतJuly 9, 2023July 9, 20230189 निरंजन श्रोत्रिय क्या यह संभव है कि किसी कवि को अपने समय-समाज के तापमान का सम्यक ज्ञान हो, उसकी कविता विचार और भावनाओं से समृद्ध...
कविता अमन त्रिपाठी की कविताएँ ‘सेन्स ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ से उपजी हैं। समकालीन जनमतJuly 2, 2023July 2, 2023 by समकालीन जनमतJuly 2, 2023July 2, 20230312 वर्तिका पढ़ाई से इंजीनियर अमन , समर्थ अनुवादक और कवि के तौर पर सक्रिय हैं। शहर देखने, प्रेम में रहकर प्रेम न कर पाने के...
कविता वंदना पराशर की कविताएँ शब्द एवं संवाद बचाने की कोशिश हैंसमकालीन जनमतJune 25, 2023June 25, 2023 by समकालीन जनमतJune 25, 2023June 25, 20230227 वंदना मिश्रा समकालीन कविता में अपना स्थान सुरक्षित कर चुकी ‘वंदना पाराशर’ की कविताएँ किसी परिचय की मोहताज नहीं. वंदना उन लोगों में से हैं...
कविता श्रीधर करुणानिधि की कविताएँ जटिल और क्रूर समय को व्यंजित करती हैंसमकालीन जनमतJune 18, 2023June 18, 2023 by समकालीन जनमतJune 18, 2023June 18, 2023096 योगेश प्रताप शेखर श्रीधर करुणानिधि के दो कविता–संग्रह प्रकाशित हुए हैं | ‘खिलखिलाता हुआ कुछ’ और ‘पत्थर से निकलती कराह’ | उन का पहला कविता...
कविता वंदना मिश्रा की कविताएँ स्त्री जीवन की जटिलताओं को उकेरती हैंसमकालीन जनमतJune 4, 2023June 4, 2023 by समकालीन जनमतJune 4, 2023June 4, 20230189 अमरजीत कौंके हिंदी की समकालीन स्त्री कविता में वंदना मिश्रा एक महत्वपूर्ण नाम है .उनकी कविताएँ समकालीन समाज के संकटों और विसंगतियों को अपने कलेवर...
कविता प्रतिभा चौहान की कविताएँ प्रकृति और सृष्टि की पक्षधरता का विमर्श हैंसमकालीन जनमतMay 28, 2023May 28, 2023 by समकालीन जनमतMay 28, 2023May 28, 20230196 शिरोमणि महतो सुपरिचित कवयित्री प्रतिभा चौहान की कविताएँ हिन्दी के वैविध्यपूर्ण साहित्यिक संसार में एक अलग स्थान रखती हैं। यूँ तो अनेक विषयों पर कविताएँ...
कविता अमरजीत कौंके की कविताओं में आम आदमी का जीवन और संघर्ष प्रमुखता से झलकता है।समकालीन जनमतMay 14, 2023May 14, 2023 by समकालीन जनमतMay 14, 2023May 14, 20230148 निरंजन श्रोत्रिय अमरजीत कौंके मूलतः पंजाबी भाषा के कवि हैं। उन्होंने पंजाबी-हिन्दी के बीच अनुवाद की महत्वपूर्ण आवाजाही की है। इन सबके साथ वे हिन्दी...
कविता सरिता संधू की कविताएँ व्यवस्था की आँखों में झाँकती संवेदनाएँ हैंसमकालीन जनमतMay 7, 2023May 7, 2023 by समकालीन जनमतMay 7, 2023May 7, 20230204 हीरालाल राजस्थानी सरिता संधू पिछले दो सालों से दलित लेखक संघ से जुड़ी हुई हैं। उनकी विशेषता है कि संगठन के प्रति अपने कर्तव्यों का...
कविता आनंद बहादुर की कविताएँ जीवन की अंतर्यात्रा को उकेरती हैंसमकालीन जनमतApril 30, 2023April 30, 2023 by समकालीन जनमतApril 30, 2023April 30, 20230145 विनय सौरभ नहीं होने ने जो थोड़ी सी जगह खाली की है वह मैं हूँ एक दिन नहीं होना किसी जगह से आएगा और...
कविता पुरू मालव की कविताएँ एक आत्मीय आग्रह के साथ बड़े सवालों पर बात करती हैंसमकालीन जनमतApril 23, 2023April 23, 2023 by समकालीन जनमतApril 23, 2023April 23, 2023048 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि पुरू मालव की आसान-सी दिखने वाली ये कविताएँ हमारे भीतर एक फोर्स के साथ खुलती हैं। वह चाहे विस्थापन का...
कविता मोहन कुमार डहेरिया की कविताएँ व्यक्तिगत और सामूहिक अभिव्यक्ति को सशक्त और बेचैन होकर ज़ाहिर करती हैंसमकालीन जनमतApril 16, 2023April 16, 2023 by समकालीन जनमतApril 16, 2023April 16, 20230103 पीयूष कुमार आत्मा के पेड़ पर बैठा कवि मोहन कुमार डहेरिया की कविताओं में मनुष्यविरोधी समय का अतियथार्थ अपनी विकलताओं और भावसघनाओं के साथ आता...
जनमत पीयूष कुमार की कविताएँ प्रकृति, प्रेम और सरोकारों की बानगी हैंसमकालीन जनमतMarch 19, 2023March 19, 2023 by समकालीन जनमतMarch 19, 2023March 19, 20230140 रजत कृष्ण किसी भी रचनाकार की उपस्थिति से प्रचलित साहित्य धारा में उसके जीवन सरोकार, भाव संवेदना, सौंदर्य दृष्टि और तत्कालीन जीवन संघर्ष आदि में...
कविता अनिल अनलहातु की कविताएँ हमारी हताशा और जिजीविषा का अन्तर्द्वन्द्व हैंसमकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023 by समकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023068 प्रभात मिलिंद अनिल अनलहातु हमारे समय के विरल और अनिवार्य कवि हैं. कविताओं में वक्रोक्तियों का कारुणिक प्रयोग कैसे संभव हो सकता है, व्यंग्य में...
कविता शिरोमणि महतो की कविताओं की प्रकृति देशज है।समकालीन जनमतMarch 5, 2023March 5, 2023 by समकालीन जनमतMarch 5, 2023March 5, 2023079 निरंजन श्रोत्रिय युवा कवि शिरोमणि महतो की इन कविताओं में भाषा और अनुभवों की ताजगी साफ देखी जा सकती है। इन कविताओं मे कवि ने...
कविता उर्मिल मोंगा की कविताएँ स्वप्न और उम्मीद जगाती हैंसमकालीन जनमतFebruary 26, 2023February 26, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 26, 2023February 26, 2023078 कौशल किशोर कहा जाता है कि मानवीय दर्द का एहसास व अनुभूति तथा मुक्ति की कलात्मक अभिव्यक्ति ही आज की कविता है। भाव, विचार व...
कविता यूनुस ख़ान की कविताएँ जीवन और समय की जटिलताओं को दर्ज करती हैंसमकालीन जनमतFebruary 19, 2023February 19, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 19, 2023February 19, 20230112 निरंजन श्रोत्रिय सरलता का शिल्प सबसे जटिल होता है। जीवन और समय की जटिलताओं को कविता के जटिल शिल्प में ढाल देना एक रूपान्तरण हो...
कविता बोधिसत्व की कविताएँ सच सरेआम कहने के हुनर का शिल्प हैंसमकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 20230194 भरत प्रसाद बोधिसत्व की पहचान 90 के दशक के प्रमुख कवि के तौर पर बनी, जो आजतक कायम है। हम जो नदियों का संगम हैं-2002...
कविता सुनीता ‘अबाबील’ की कविताएँ स्त्री पीड़ा की अंतर यात्रा हैंसमकालीन जनमतFebruary 5, 2023February 6, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 5, 2023February 6, 20230214 हीरालाल राजस्थानी बेशक ही दलित व हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को स्थान मिलता रहा है। खासतौर पर कविता विधा में, जहाँ शुरुआती दौर में...