कविताजनमत ‘गगन गिल ‘मातृमूलक’ दुःखों और उदासियों को रचने वाली कवयित्री हैं’समकालीन जनमतMay 5, 2019May 5, 2019 by समकालीन जनमतMay 5, 2019May 5, 201913639 अनुपम सिंह गगन गिल ने कविता में अपने ज़िम्मे जो काम लिया है, वह है स्त्री की पारम्परिक नियति को उद्घाटित करना. प्रकृति में इतने...
कविताजनमत बादलों में आकार की खोज: रमणिका गुप्ता की कविताईसमकालीन जनमतFebruary 17, 2019February 17, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 17, 2019February 17, 20192 3006 बजरंग बिहारी तिवारी नारीवादी आंदोलन का दूसरा दौर था. ‘कल्ट ऑफ़ डोमिस्टिसिटी’ को चुनौती दी जा चुकी थी. राजनीति में स्त्री की उपस्थिति को औचित्यपूर्ण,...
कविता स्त्री को उसके वास्तविक रूप में पहचाने जाने की ज़िद हैं शैलजा की कविताएँसमकालीन जनमतJanuary 27, 2019March 1, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 27, 2019March 1, 20193 4976 दीपक कुमार शैलजा पाठक से परिचय मित्र पीयूष द्वारा शेयर की गई उनकी कविता ‘कुसुम कुमारी’ के माध्यम से हुआ। पहली ही नजर में इस...
कविता मामूली दृश्यों से जीवन का विचलित करने वाला वृत्तान्त तैयार करतीं शुभा की कविताएँउमा रागNovember 4, 2018December 2, 2018 by उमा रागNovember 4, 2018December 2, 20183 3089 मंगलेश डबराल शुभा शायद हिंदी की पहली कवि हैं, जो अभी तक कोई भी संग्रह न छपवाने के बावजूद काफ़ी पहले विलक्षण कवि के...