समकालीन जनमत

Tag : Birth Anniversary

जनमतशख्सियतस्मृति

उजले दिनों की उम्मीद का कवि वीरेन डंगवाल

समकालीन जनमत
मंगलेश डबराल ‘इन्हीं सड़कों से चल कर आते हैं आततायी/ इन्हीं सड़कों से चल कर आयेंगे अपने भी जन.’ वीरेन डंगवाल ‘अपने जन’ के, इस...
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सत्यजित रे का वैज्ञानिक स्वरुप

अभिषेक मिश्र साहित्य और सिनेमा की अविस्मरणीय विभूति सत्यजित रे (2 मई 1921–23 अप्रैल 1992 ) का आज 98 वाँ जन्मदिन है. इस मौके पर उन्हें याद...
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पहली महिला कुली, दलित महिला आंदोलन नेत्री जाई बाई चौधरी

अनिता भारती दलित समाज की एक महान समाज-सुधारिका व लेखिका ‘जाईबाई चौधरी’ का नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा। उनका जन्म ‘महार’ जाति में...
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मार्कण्डेय की कहानियों में बनते हुए राष्ट्र की तस्वीर

दुर्गा सिंह
मार्कण्डेय (2 मई 1930 – 18 मार्च 2010) हिंदी के जाने-माने कहानीकार थे। आज उनके जन्मदिवस पर अपने एक लेख के माध्यम से उन्हें याद कर रहे हैं...
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वत्सल उम्मीद की ठुमक के साथ मैं तो सतत रहूँगा तुम्हारे भीतर नमी बनकर: वीरेन डंगवाल

उमा राग
करीब 16 बरस पहले वीरेन डंगवाल के संग्रह ‘दुश्चक्र में स्रष्टा’ पर लिखते हुए मैंने उल्लास, प्रेम और सौंदर्य को उनकी कविता के केंद्रीय तत्वों...
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