कविता मेहजबीं की कविताएँ अपने समय की अंतहीन बेचैनी का बयान हैंसमकालीन जनमतAugust 8, 2021August 8, 2021 by समकालीन जनमतAugust 8, 2021August 8, 20210979 संजय कुमार कुंदन मेहजबीं की कविताएँ और नज़्में बातें करती हैं, दुनिया-जहान की बातें. कविताएँ और नज़्में बस हिन्दी और उर्दू के शब्दों की उल्लेखनीय...
कविता उर्दू-हिंदी की साझा संस्कृति के शायर संजय कुमार कुंदनसमकालीन जनमतMay 10, 2020May 11, 2020 by समकालीन जनमतMay 10, 2020May 11, 202002800 ख़ुर्शीद अक़बर संजय कुमार कुन्दन उर्दू-हिन्दी के ऐसे एकमात्र कवि-शायर हैं , जो साझा- संस्कृति के सशक्त प्रतिनिधि ( नुमाइनदा) की हैसियत रखते हैं और...
मीडिया पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ना होगा: पंकज बिष्टसुधीर सुमनMay 9, 2018May 9, 2018 by सुधीर सुमनMay 9, 2018May 9, 201803572 प्रगतिशील-जनवादी साहित्यिक-सांस्कृतिक संगठनों ने ‘ मीडिया की संस्कृति और वर्तमान परिदृश्य ’ पर संगोष्ठी आयोजित की कठुआ गैंगरेप के खिलाफ लिखी गई कविताओं की पुस्तिका...
कवितासाहित्य-संस्कृति गंगा-जमुनी तहजीब और आज़ादी के पक्ष में है संजय कुमार कुंदन की शायरी : प्रो. इम्तयाज़ अहमदसमकालीन जनमतFebruary 12, 2018February 14, 2018 by समकालीन जनमतFebruary 12, 2018February 14, 20188 5320 शायर संजय कुमार कुंदन के संग्रह ‘भले, तुम नाराज हो जाओ’ पर बातचीत पटना. ‘‘हटा के रोटियां बातें परोस देता है/ इस सफ़ाई...