जनमत कुम्भ मेला : संगम आस्था और त्रासदी कादिनेश अस्थानाFebruary 8, 2025February 10, 2025 by दिनेश अस्थानाFebruary 8, 2025February 10, 20250352 29 जनवरी लगने ही वाली थी। प्रयागराज के महाकुम्भ मेले में संगम नोज़ पर अचानक भीड़ उमड़ पड़ी, भगदड़ मच गयी। घटना के लगभग 10...
ग्राउन्ड रिपोर्ट महाकुंभ : कॉरपोरेट व सांप्रदायिकताके के पांडेयJanuary 20, 2025February 3, 2025 by के के पांडेयJanuary 20, 2025February 3, 20250239 इलाहाबाद के प्रसिद्ध कवि दिवंगत कैलाश गौतम की कविता ‘ अमवसा क मेला’ की पंक्तियां याद करें- अमवसा नहाए चलल गांव देखा। एहू हाथे झोरा...
जनमत भारत की फिलिस्तीन नीति में निरंतर परिवर्तनसमकालीन जनमतMarch 7, 2024March 7, 2024 by समकालीन जनमतMarch 7, 2024March 7, 20240302 स्टैनली जॉनी भारत ऐतिहासिक रूप से फिलिस्तीनी हितों का प्रबल समर्थक रहा है। और पिछले तीन दशकों में, जब इज़राइल के साथ भारत के संबंध...
शख्सियत अन्याय को खत्म करने के सपनों का कविगोपाल प्रधानJuly 20, 2023July 20, 2023 by गोपाल प्रधानJuly 20, 2023July 20, 20230106 गोरख पांडे की कविता किसी जादू के जोर से प्रत्येक समय में प्रासंगिक हो उठती है । उनकी इस ताकत का रहस्य समय के यथार्थ...
कवितासाहित्य-संस्कृति मरे हुए तालाब में लाशें नहीं विचारधाराएं तैर रही हैंआशुतोष कुमारMay 27, 2018May 27, 2018 by आशुतोष कुमारMay 27, 2018May 27, 201803256 “जंगल केवल जंगल नहीं है नहीं है वह केवल दृश्य वह तो एक दर्शन है पक्षधर है वह सहजीविता का दुनिया भर की सत्ताओं का...