पुस्तक रूपम मिश्र के काव्य संग्रह ‘एक जीवन अलग से’ की समीक्षासमकालीन जनमतApril 13, 2025April 13, 2025 by समकालीन जनमतApril 13, 2025April 13, 2025066 पवन करण एक अभुआता समाज कायनात की सारी बुलबुलों की गर्दन मरोड़ रहा है….! रुपम मिश्र की कविताएँ हिंदी कविता की समृद्धि की सूचक हैं।...
शख्सियत प्रेमचंद ! अब सब कहते हैं ईमान के डर से जान थोड़ी गवायेंगे!समकालीन जनमतJuly 30, 2020July 30, 2020 by समकालीन जनमतJuly 30, 2020July 30, 202002255 (31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर समकालीन जनमत...
कविता रूपम की कविताएँ पितृसत्ता की चालाकियों की बारीक़ शिनाख़्त हैंसमकालीन जनमतJune 28, 2020June 28, 2020 by समकालीन जनमतJune 28, 2020June 28, 20208 4775 दुर्गा सिंह हिंदी समाज एक ऐसी कालावधि से गुजर रहा है, जिसमें एक तरफ निरंतरता की ताकतें, सामाजिक वर्ग- समूह आजादी के बाद के सबसे...