समकालीन जनमत

Tag : प्रेमचंद जयंती

साहित्य-संस्कृति

‘ किसान-संघर्ष का पहला साहित्यिक दस्तावेज़ है ‘ प्रेमाश्रम ’ – वीर भारत तलवार

समकालीन जनमत
‘ प्रेमचन्द ने कथानक का निर्माण किया और उसे तोड़ा भी ’- नित्यानंद तिवारी ‘हम देखेंगे: अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रतिरोध अभियान’ के तहत प्रेमचंद जयंती...
शख्सियत

1936 में ‘साहित्य का उद्देश्य’ शीर्षक से प्रेमचंद द्वारा दिए गए ऐतिहासिक भाषण की ऑडियो वीडियो प्रस्तुति

समकालीन जनमत
31 जुलाई 2020 प्रेमचंद की 140 वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत ने दो दिवसीय ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन किया। इस अवसर पर  समकालीन जनमत...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

सत्ता संपोषित मौजूदा फासीवादी उन्माद प्रेमचंद की विरासत के लिए सबसे बड़ा खतरा:डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सुमन

समकालीन जनमत
लोकतंत्र, संविधान और साझी संस्कृति के नेस्तनाबूद करने की हो रही है गहरी साजिश-कल्याण भारती प्रेमचंद के सपनों के भारत से ही बचेगी हमारी साझी...
साहित्य-संस्कृति

यथार्थवाद की आधारशिला है सेवासदन – ज्ञानेन्द्रपति

वाराणसी : हिन्दी के अप्रतिम कथाकार प्रेमचन्द की 138वीं जयन्ती पर ‘‘क’’ कला वीथिका, लंका में उनके प्रथम हिन्दी उपन्यास ‘‘ सेवासदन ’’ पर आधारित...
नाटक

पटना में प्रेमचंद जयंती पर हिरावल ने ‘निर्वासन’ का मंचन किया

पटना.कथा सम्राट प्रेमचंद जयंती के अवसर पर आज स्थानीय छज्जूबाग में हिरावल के कलाकारों ने प्रेमचंद की कहानी ‘निर्वासन’ का नाट्य प्रदर्शन किया। साथ ही,...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

प्रेमचंद ने राष्ट्रवाद की अवधारणा के फासीवादी चरित्र को काफी पहले ही देख लिया था : प्रो. रविभूषण

प्रेमचंद ने आज से काफी पहले ही आवारा पूंजी के ग्लोबल चरित्र और उसके साम्राज्यवादी गठजोड़ की शिनाख्त कर ली थी . उन्होंने राष्ट्रवाद की...
जनमतस्मृति

प्रेमचंद और अक्तूबर क्रांति

साम्राज्यवाद-उपनिवेशवाद विरोधी रवैये का एक निरंतरता में अनुपालन जितना प्रेमचंद के यहाँ दीखता है, वैसा हिंदी के किसी और लेखक में नहीं. असंख्य मजदूर, किसान,...
Fearlessly expressing peoples opinion