ज़ेर-ए-बहस ‘हम देखेंगे’: सृजन एवं विचार के हक़ मेंसमकालीन जनमतMarch 1, 2020 by समकालीन जनमतMarch 1, 20205 2905 लेखकों एवं कलाकारों का कन्वेन्शन 1 मार्च 2020, जंतर मंतर, दिल्ली सुभाष गाताडे दिल की बीरानी का क्या मज़कूर है यह नगर सौ मर्तबा लूटा...
ज़ेर-ए-बहस सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में लेखकों और कलाकारों के अखिल भारतीय कन्वेंशन “हम देखेंगे” में अरुंधति रॉय का बयानसमकालीन जनमतMarch 1, 2020March 1, 2020 by समकालीन जनमतMarch 1, 2020March 1, 202003476 1 मार्च, 2020 प्यारे दोस्तों, साथियों, लेखकों और फ़नकारों ! यह जगह जहाँ हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर...
जनमत ‘ बुद्धिजीवी और कलाकार की खाल ओढ़े हत्या-सत्ता-समर्थकों की हम भर्त्सना करते हैं ’समकालीन जनमतJuly 30, 2019 by समकालीन जनमतJuly 30, 201902071 चार लेखक संगठनों का साझा बयान लेखक-कलाकार हमेशा से सत्ता के विरोध में रहे हैं, लेकिन मोदीराज में सत्ता के विरोध का विरोध एक स्थायी...
कवितासाहित्य-संस्कृति मरे हुए तालाब में लाशें नहीं विचारधाराएं तैर रही हैंआशुतोष कुमारMay 27, 2018May 27, 2018 by आशुतोष कुमारMay 27, 2018May 27, 201803247 “जंगल केवल जंगल नहीं है नहीं है वह केवल दृश्य वह तो एक दर्शन है पक्षधर है वह सहजीविता का दुनिया भर की सत्ताओं का...