विपिन चौधरी प्रज्ञा गुप्ता की कविताओं के उर्वर-प्रदेश में स्मृतियाँ, सपने, प्रेम, रिश्ते-नाते, स्त्रियों के दैनिक संघर्ष जैसे कई पक्ष आवाजाही करते हैं. उनकी कविताओं...
निरंजन श्रोत्रिय मुझे संवेदनों की महीनता और दृष्टि की व्यापकता में व्युत्क्रमानुपाती संबंध लगता है। संवेदन जितने महीन होंगे दृष्टि या विज़न उतनी ही व्यापक...
निरंजन श्रोत्रिय पायल भारद्वाज की कविताएँ स्त्री-विमर्श, इन्सानी रिश्तों और समाज के दोहरे मानदंडों पर मुखर और जागरूक अभिव्यक्ति हैं। वे अपने कहन में जहाँ...