शख्सियत सभ्यता का संकट-रवींद्रनाथ टैगोरसमकालीन जनमतMay 17, 2020May 19, 2020 by समकालीन जनमतMay 17, 2020May 19, 202004444 (रवीन्द्रनाथ टैगोर के आखिरी व्याख्यान ‘क्राइसिस ऑफ सिविलाइजेशन’ का यह अनुवाद हम समकालीन जनमत के पाठकों के लिए दे रहे हैं । अनुवाद किया है ...
सिनेमास्मृति रवीन्द्रनाथ और हिंदुस्तानी सिनेमासमकालीन जनमतMay 7, 2020May 8, 2020 by समकालीन जनमतMay 7, 2020May 8, 202002382 गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मदिवस पर प्रदीप दाश रवीन्द्रनाथ टैगोर ने साहित्य की सभी विधाओं में लिखा लेकिन सबसे पहले वह एक कवि ही थे....
चित्रकला रवीन्द्र नाथ टैगोर की पेंटिंग्ससमकालीन जनमतMay 7, 2020May 7, 2020 by समकालीन जनमतMay 7, 2020May 7, 20204 1655 आज गुरुदेव के जन्मदिन के अवसर उनकी स्मृति को नमन करते हुए प्रस्तुत है उन्हीं की बनाई कुछ दुर्लभ पेंटिंग्स. ये पेंटिंग्स समकालीन जनमत के...
स्मृति ‘ गोरा ’ में खचित जटिल समयगोपाल प्रधानMay 7, 2020May 7, 2020 by गोपाल प्रधानMay 7, 2020May 7, 202004032 उन्नीसवीं सदी की आखिरी चौथाई की समूची हलचल का साक्ष्य इस उपन्यास से हासिल होता है. समय को रवींद्रनाथ ने केवल तारीख के रूप में...
चित्रकला भारतीय चित्रकला में स्त्री को उपेक्षित रखा गया है- अशोक भौमिकसुधीर सुमनAugust 13, 2018August 14, 2018 by सुधीर सुमनAugust 13, 2018August 14, 201803453 पटना: 13 अगस्त 2018. ‘‘भारतीय चित्रकला में ज्यादातर पुरुषों और पितृसत्तात्मक समाज को महिमामंडित करने का कार्य ही किया गया है। स्त्रियों को दोयम दर्जे...