कविता बोधिसत्व की कविताएँ सच सरेआम कहने के हुनर का शिल्प हैंसमकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 12, 2023February 12, 20230190 भरत प्रसाद बोधिसत्व की पहचान 90 के दशक के प्रमुख कवि के तौर पर बनी, जो आजतक कायम है। हम जो नदियों का संगम हैं-2002...
कविता भरत प्रसाद की कविताएँ: यह शरीर जो कारागृह है घोंट रहा मेरा पक्षीपनसमकालीन जनमतAugust 14, 2022August 14, 2022 by समकालीन जनमतAugust 14, 2022August 14, 2022074 आशीष त्रिपाठी भरत प्रसाद कवि हैं । कवि होने की सभी शर्तों को पूरा करते कवि । उनकी कविताओं की दुनिया घर से बाहर,...
कविता अरुण शीतांश की कविताएँ: विषयों के अनंत में अपने कवि की खोजसमकालीन जनमतFebruary 20, 2022February 20, 2022 by समकालीन जनमतFebruary 20, 2022February 20, 2022038 भरत प्रसाद यदि दृष्टि की दिशाएं बहुदिशात्मक हों, यदि भावनाओं की गति अनेक आयामी हो, यदि हम व्यक्तित्वांतरण कर पाने के साहस से परिपूर्ण हों,...