शख्सियत याद ए मकबूल जायसी का आयोजन : चर्चा और ग़ज़ल संध्या समकालीन जनमतDecember 2, 2024December 2, 2024 by समकालीन जनमतDecember 2, 2024December 2, 2024043 ‘मकबूल जायसी की शायरी हिंदुस्तानियत और इंसानियत से सराबोर’ ‘अब ये गजलें मिजाज बदलेंगी‘ लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम) की ओर से ‘याद ए...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति जम्हूरियत की ज़ुबान : अदम गोंडवीआशुतोष कुमारOctober 23, 2019December 18, 2021 by आशुतोष कुमारOctober 23, 2019December 18, 202104458 फूल के जिस्म पे पहलू बदल रही तितली , पेट की आग में जलते हुए बशर की तरह . मेरे ज़ेहन में तेरी शक्ल...