16 दिसम्बर 2019: आज शाम गुजरात केंद्रीय विश्विद्यालय के छात्र और शिक्षक संघ, देश के विश्वविद्यालयों में नागरिकता संशोधन कानून के प्रतिरोध को दबाने के लिए हो रहे दमन के विरुद्ध एक साथ आये। जिस तरह से कल रात जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय में पुलिस की बर्बरता दिखाई दी उसका छात्रों ने पुरजोर विरोध किया। पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज और गोलीबारी में घायल छात्रों के प्रति सवेंदना भी व्यक्त की। प्रदर्शन में प्रगतिशील छात्र संगठनों, शिक्षक संघ के अलावा बड़ी संख्या में छात्रों ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शन के पहले नागरिकता संशोधन कानून पर चर्चा हुई जिसमें छात्रों ने अपने विचार रखे। इस चर्चा में नार्थ ईस्ट के छात्रों ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो इस कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं, वर्तमान हालात कैसे हैं और किन परिस्थितियों में वो विरोध और संघर्ष कर रहे हैं। छात्रों ने खुल कर मोदी सरकार के हिन्दू मुस्लिम कार्ड की आलोचना की।
शिक्षक संगठन की ओर से आए शिक्षकों ने जामिया में हुई पुलिसिया दमन और बर्बरता की निंदा की तथा वहाँ के छात्रों को अपना समर्थन दिया। छात्रों ने नागरिकता संधोधन एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए उसका विरोध किया। सत्ताधारी पार्टी और उसकी विभाजनकारी नीति का विरोध किया। वर्तमान सरकार की मंशा को उजागर करते हुए देश और संविधान को बचाने की अपील की गई। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज तथा गोलीबारी की भर्त्सना की। छात्रों ने जामिया और एएमयू के छात्रों के समर्थन में नागरिकता संशोधन एक्ट और सरकार के खिलाफ पोस्टर लेकर मोदी सरकार और अमित शाह के ख़िलाफ़ नारेबाजी की। सभी छात्र-छात्राओं ने जामिया और एएमयू के छात्रों के साथ अपनी सोलिडेरिटी पेश की। प्रदर्शन में सीयूजीटीए, लेफ़्ट डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फ्रन्ट (LDSF), एसएफआई, बापसा, एनएसयूआई, ओबीसी फोरम और अम्बेडकर स्टूडेंट एशोसिएशन के अलावा विश्वविद्यालय के अन्य छात्र भी शामिल हुए।