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राष्ट्रीय कन्वेंशन में भाजपा को गद्दी से उतार फेंकने के लिए व्यापक एकजुटता का आह्वान

कन्वेंशन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, तमिलनाडु से थोल. थिरुमावलवन सहित कई नेताओं ने लिया हिस्सा, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड ने संदेश भेजा 

पटना। भाकपा-माले के 11 वें महाधिवेशन के अवसर पर 18 फरवरी को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हाॅल में ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ’ राष्ट्रीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, संसद सदस्य और विदुथलाई चिरुथिगल काची (लिबरेशन पैंथर्स पार्टी, तमिलनाडु) के नेता थोल. थिरुमावलवन सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया. राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के कारण कन्वेंशन में नहीं आ सके झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपना संदेश भेजा। सभी नेताओं ने संविधान, लोकतंत्र और देश बचाने के लिए भाजपा को सत्ता से उतारने के लिए व्यापक एकजुटता का आह्वान किया।

माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने राष्ट्रीय कन्वेंशन में आए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज जब संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद खतरे में है, तो हम सबको देश को बचाने के लिए एक बहुत निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी और इसके लिए व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी। उन्होंने कहा कि आजादी के समय ही आरएसएस ने कहा था कि भारत का संविधान मनुस्मृति है. आज संविधान को सामने रखकर पूरे देश को तहस-नहस किया जा रहा है. हमारे सारे अधिकारों को हड़पा जा रहा है. नागरिकों की परिभाषा को बदलकर प्रजा में तब्दील किया जा रहा है. उन्होंने नागरिकता आंदोलन का जिक्र किया और राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इस मुश्किल दौर का मुकाबला करना होगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाॅर्ज फर्नांडिस के जमाने से माले से अपने पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि साल भर पहले से भाजपा से अलग होने की बात हमारी पार्टी में चल रही थी और अंततः हम उनसे अलग हो गए. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर आज काम कर रहे हैं. भाजपा से अलग होने पर सभी ने स्वागत किया है. अब अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करके लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, तभी भाजपा से देश को मुक्ति मिलेगी.

उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में इनलोगों की कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन आज वे नया इतिहास बनाने की कोशिश कर रहे हैं. आजादी के बाद देश दो भागों में बंट गया लेकिन देश में विभिन्न धर्माें को मानने वालों में लंबे समय से एकता रही है. हम सबको इस एकता को और मजबूत करना है.

उन्होंने कहा कि देश में व्यापक विपक्षी एकता का निर्माण हो, यह समय की मांग है. हम कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने मंच पर बैठे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद कि तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि यह संदेश कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दिया जाए. यदि हम सभी मिलकर चले तो भाजपा 100 के नीचे आ जाएगी. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में तो कोई दिक्कत नहीं है. हम चाहते हैं कि  देश में अधिक से अधिक पार्टी एकजुट हों. उन्होंने कहा कि माले के लोगों की हम इज्जत और स्वागत करते हैं. हमारी एक ही ख्वाहिश है देश को एकजुट करना, देश को अलग करने वाली ताकतों को खत्म करना. हम पहले भी साथ चले थे और एक बार फिर साथ चल रहे हैं. महाधिवेशन के लिए पटना के चुनाव पर उन्होंने भाकपा-माले को धन्यवाद दिया. भाकपा-माले ने सम्मेलन के लिए पटना को चुना, इसके लिए उन्होंने बधाई दी.

उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने वक्तव्य की शुरूआत सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों को लाल सलाम पेश करके की.उन्होंने कहा कि मोदी पर नहीं मुद्दे पर बातचीत होनी चाहिए.बीजेपी माइंड सेट की मीडिया मुद्दा भटकाने का प्रयास करते रहती है. भाजपा-आरएसएस नफरत फैलाने व देश को बांटने का ही काम करते हैं. नीतीश कुमार ने देश को बचाने की पहल की है. हम सभी को एकजुट होकर लड़ना है. अपने -अपने तरीके की लड़ाई को छोड़कर एक रोड मैप तैयार करके एकजुट होने का काम करना होगा. उन्होंने कांग्रेस से जल्द ही निर्णय लेने की उम्मीद जताते हुए कहा विपक्षी एकता में रीजनल दलों को ड्राइविंग सीट देने की बात कही।

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की धरती ने भाजपा के साथ उसी तरह का खेल खेला जो वह दूसरे राज्यों में करती है. हमने उसे सत्ता से बाहर किया लेकिन हमारा रास्ता भाजपा वाला नहीं था. हमारे पास अंबानी-अडानी नहीं है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस सम्मेलन से नई राहें निकलेंगी. उन्होंने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की ओर से भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमने कभी साम्प्रदायिक ताकतों के सामने घुटना नहीं टेका. यह देश किसी के बाप का देश नहीं है, जो मुसलमानों से उनका अधिकार छीन ले.

पूर्व विदेश मंत्री कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि बदलते वक्त और समाज की मांग के साथ भाकपा-माले द्वारा संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए इस मुहिम की शुरूआत स्वागतयोग्य है. कहा कि श्री नीतीश कुमार के बिहार माॅडल की चर्चा हर जगह होनी चाहिए. हम भी वही चाहते हैं जो आप चाहते हैं, मामला बस इतना है कि पहले ‘आई लव यू’ कौन बोलेगा. उन्होंने नीतीश कुमार का संदेश पार्टी हाईकमान तक पहुंचाने की बात कही. उन्होंने कहा कि फासिस्ट शक्तियों में दिलेरी नहीं है. जरा सा बिहार के शेर दहाड़ेंगे तो ये बिलों में घुस जायेंगे. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे एकता के संदेश को आगे बढ़ाएंगे. कांग्रेस भी विपक्षी एकता बनाने के लिए भी तैयार है.

 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड में आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के कारण नहीं आ सके लेकिन उन्होंने अपना संदेश कन्वेंशन में भेजा, जिसे विधायक विनोद सिंह ने पढ़ा. उन्होंने कन्वेंशन में नहीं शामिल हो पाने पर खेद जताया और कहा कि केंद्रीय सरकार लगातार संघीय ढांचे पर प्रहार कर रही है. उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आरएसएस के लोग हिटलर की सारी योजनाओं को भारत में लागू करना चाहते हैं और देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़कर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने अडानी से मोदी सरकार की सांठगांठ की भी चर्चा की. कहा कि 2024 में फासीवादी ताकतों को सत्ता में वापस लौटने नहीं दिया जाएगा.

कन्वेंशन को विदुथलाई चिरुथिगल काची, तमिलनाडु से संसद सदस्य थिरुमावलवन ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें बिना समझौता किए कट्टरता का विरोध करते रहना होगा. फासीवाद भारतीय लोकतंत्र पर सुनामी की तरह प्रहार कर रहा है.

कार्यक्रम का संचालन भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य का. राजाराम सिंह ने किया .मंच पर माले राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रति राव, असम की चर्चित महिला नेत्री प्रतिमा इंगपी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, कांग्रेस विधायक शकील अहमद, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, विनोद सिंह, धीरेन्द्र झा, संदीप सौरभ आदि उपस्थित थे.

राष्ट्रीय कन्वेंशन की शुरूआत मशहूर शायर फैज अहमद फैज की मशहूर नज्म ‘ हम देखेंगे’ के गायन से हुई.

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