41.1 C
New Delhi
April 9, 2025
समकालीन जनमत
नाटक

‘ रंग ए माहौल ’ के आखिरी दिन ‘ शहर हमारा अपराध नगर हो गया है ‘ और ‘ हसीनाबाद ‘ का मंचन

बेगुसराय. द फैक्ट आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी, बेगुसराय द्वारा आयोजित सातवाँ ‘ रंग ए माहौल’ के अंतिम दिन दो नाटक- ‘ शहर हमारा अपराध नगर हो गया है ‘ और ‘ हसीनाबाद ‘ का मंचन हुआ.

आखिरी दिन के नाट्य मंचन का शुभारम्भ कवि दीनानाथ सुमित्र और द फैक्ट रंगमंडल के उपाध्यक्ष अमित कुमार ने नगाड़ा बजाकर किया.

इसके बाद फैक्ट रंगमंडल की प्रस्तुति प्लेटफॉर्म शो नाटक ‘ शहर हमारा अपराध नगर हो गया है ‘ का मंचन हुआ. यह नाटक फेस्टिवल डायरेक्टर प्रवीण कु० गुंजन लिखित, परिकल्पित व निर्देशित था.

‘ शहर हमारा अपराध नगर हो गया है ‘

यह नाटक मुक्ताकाश मंच पर प्रस्तुत किया गया. हास्य तथा व्यंग्य से भरपूर इस नाटक में बेगुसराय जिले में दिन- प्रतिदिन बढ़ते आपराधिक घटनाओं को लेकर जिला प्रशासन व शासक वर्ग पर करारा प्रहार किया है. कलाकारों ने दिखाया कि पुलिस प्रशासन का ध्यान शराब पर है, राजनीतिक दल एमपी एमएलए चुपचाप बैठे हैं. न्यायालय से अपराधी सबूतों के अभाव में रिहा हो जाता है. न्यायालय में देरी होती है. पुलिस पर राजनेता का दबाव रहता है. इस समय लड़कियां ही नहीं हर लोग असुरक्षित और सहमे हुए हैं.

नाटक में कुश्ती के माध्यम से आम आदमी और अपराधी के बीच करारा मुकाबला भी दिखाया गया. अंत में गीत – इस बस्ती को क्या हो गया, जाने मस्ती को क्या हो गया..’ के साथ शो का समापन होता है.  कुल मिलाकर यह नाटक वर्तमान समय की समस्याओं को बड़े ही शिद्दत के साथ उठाता है.

‘ शहर हमारा अपराध नगर हो गया है ‘

नाटक में मुख्य कलाकार चन्दन कुमार वत्स, चन्दन कुमार, संदीप कुमार, रश्मि कुमारी, खुशबू कुमारी, अभिजीत, कमलेश कुमार, बलराम, मो. रहमान और अमरेश कुमार अमन ने अपने सशक्त अभिनय दर्शकों का दिल जीता। नाटक में संगीत संयोजन अमरेश, रविकान्त, संतोष कुमार राही और दीपक का था।।

प्रेक्षागृह में निर्माण कला मंच, पटना की प्रस्तुति मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक संजय उपाध्याय निर्देशित व परिकल्पित तथा गीता श्री की मूल उपन्यास व श्री योगेश त्रिपाठी द्वारा नाट्य रूपांतरित नाटक ‘ हसीनाबाद ‘  के मंचन में दर्शकों ने खूब आनंद लिया.

नाटक हसीनाबाद आत्म पहचान खोजने में संघर्षरत एक स्त्री की कहानी है, एक कलाकार की कहानी है, राजसत्ता पर कला और लोक के विजय की कहानी है. एक बीती और खोई हुई दुनिया से निकल कर दूसरी नृत्य, गीत, संगीत के लोक और संस्कृति की तेजी से लुप्त होती हुई दुनिया से अपने जुनून में खुद जीकर जिंदा करने की कहानी है.

हसीनाबाद

नाटक में कुल 35 कलाकारों में मुख्यपात्र गोलमी की भूमिका में मेघना पांचाल ने अपने अभिनय और नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. ठाकुर सजावल सिंह की भूमिका में विवेक कुमार, सुंदरी- शारदा सिंह, सगुन महतों-पप्पू ठाकुर, रामबालक सिंह के किरदार में समीर कुमार एवं अन्य पात्र राहुल कु० राज, मो० जहाँगीर, रूबी खातुन, कुमार उदय सिंह, अभिषेक कुमार, श्वेता सुमन, मुकेश कु० राहुल, मो० जफ़र आलम आदि कलाकरों ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को काफ़ी प्रभावित किया.

हसीनाबाद

नाटक में प्रकाश परिकल्पना व संचालन विजेंद्र कु० टॉक, जय कु० भारती, ध्वनि राजीव रॉय, गीत – संध्या पाठक, रंग परिकल्पना-महेश सूफ़ी तथा विशेष सहयोग राजीव राय, विनय राज, जितेन्द्र कु० जीतू, तथा मुकेश कुमार राहुल का था.

Related posts

4 comments

Comments are closed.

Fearlessly expressing peoples opinion