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आइसा-इनौस के बिहार बंद का व्यापक असर, माले विधायक दल नेता महबूब आलम और संदीप सौरभ गिरफ्तार

पटना। छात्र संगठन आइसा व नौजवान संगठन इनौस के आह्वान पर शुक्रवार को बिहार बंद का व्यापक असर देखा गया। अहले सुबह आइसा व इनौस के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने दरभंगा में सप्तक्रांति एक्सप्रेस का परिचालन बाधित किया तो अरवल, भोजपुर, बक्सर, पालीगंज, पटना, मुजफ्फरपुर में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। पटना में प्रदर्शन कर रहे भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और पालीगंज विधायक संदीप सौरभ को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

बंद को भाजपा-जदयू के छात्र-युवा संगठनों को छोड़कर अन्य सभी छात्र-युवा संगठनों का समर्थन मिला। महागठबंधन की पार्टियों ने भी बिहार बंद में सक्रिय भूमिका निभायी।

अरवल में लगभग 8 बजे इनौस नेताओं ने पटना-औरंगाबाद रोड को पूरी तरह जाम कर दिया और भगत सिंह चौक पर एक सभा आयोजित की. भोजपुर में बंद का असर असरदार रहा। माले विधायक व इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल,  आइसा के बिहार राज्य सचिव सबीर कुमार, इनौस के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में छात्र-युवा सड़क पर उतर आए और आरा बस स्टैंड को पूरी तरह जाम कर दिया।

मनोज मंजिल ने छात्र-युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र-युवा आंदोलन के दबाव में सरकार आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर जांच कमिटी बनाने तथा ग्रुप डी में परीक्षा स्थगित करने का झांसा दे रही है. यूपी चुनाव के बाद सरकार अपने आश्वासन से फिर पीछे भाग जाएगी. इस बार छात्र-युवा सरकार के झांसे में नहीं आने वाले हैं।  उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि 19 लाख रोजगार के वादे से यह सरकार भी पीछे भाग गई है. अब छात्र-युवा हर चीज का हिसाब लेंगे.

बक्सर में डुमरांव विधायक तथा आइसा के सम्मानित प्रदेश अध्यक्ष अजीत कुशवाहा के नेतृत्व में बंद समर्थकों का बड़ा जत्था निकला. इसमें आइसा-इनौस के अलावा अन्य छात्र-संगठनों के भी कार्यकर्ता शामिल थे. डुमरांव विधायक ने कहा कि सरकार सभी छात्रों पर किए गए मुकदमे वापस ले अन्यथा आंदेालन जारी रहेगा.

पालीगंज में विधायक संदीप सौरभ के नेतृत्व में आइसा-इनौस नेताओं ने पटना-औरंगाबाद रोड को जाम किया. उन्होंने पालीगंज में भी बिहार बंद के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कहा कि कुछ लोग आज बिहार बंद का विरोध कर रहे थे लेकिन बिहार का छात्र-युवा जाग चुका है और अब किसी भी प्रकार की तिकडबाजी का शिकार नहीं होने वाला है. कहा कि ग्रुप डी मामले में परीक्षा स्थगित की गई है. यह समझ से परे है कि ग्रुप डी तक की नौकरियों के लिए दो परीक्षा क्यों होगी।   इसमें भी अभ्यर्थियों की साफ मांग है कि पहले के नोटिफिकेशन के आधार पर केवल एक परीक्षा ली जाए और दूसरे नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए. इसमें भी कोई कन्फयूजन नहीं है. रेलवे जानबूझकर मामले को उलझा रहा है. छात्र-युवा इस बार सरकार के झांसे में नहीं आने वाले हैं.

मुजफ्फरपुर में इनौस के प्रदेश अध्यक्ष आफताब आलम ने बंद का नेतृत्व किया. वहां सरकार ने बंद को असफल करने के लिए शिक्षकों को धमकाया और छात्रों को भी फोन करके धमकी दी गई. बावजूद बंद में सैकड़ों छात्र सड़क पर उतरे और बंद के दौरान रेलवे के परिचालन को भी बाधित किया. हिलसा में इनौस नेताओं ने प्रतिरोध मार्च निकालकर फतुहा-इसलामपुर रोड को जाम किया. मुजफ्फरपुर में एनएच 57 पूरी तरह जाम रहा, जिससे परिचालन पूरी तरह से बाधित रहा. इसलामपुर में केबी चौक को आइसा-इनौस नेताओं ने जाम किया. जहानाबाद शहर में विशाल मार्च निकला. मधेपुरा, खगड़िया, सिवान, गया, नवादा आदि जगहों पर भी जगह-जगह जाम किए गए.

आइसा-इनौस नेताओं ने कहा कि सरकार सचमुच अभ्यर्थियों की मांगों पर गंभीर होती तो इतने बड़े मसले पर तत्काल कार्रवाई करती, लेकिन एक तरफ जांच कमिटी का झांसा है, तो दूसरी ओर बर्बर तरीके से हर जगह छात्र-युवाओं पर दमन अभियान भी चलाया जा रहा है. इससे सरकार की असली मंशा साफ-साफ जाहिर हो रही है. आज पूरा बिहार 7 लाख संशोधित रिजल्ट फिर से प्रकाशित करने और ग्रुप डी में एक परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहा है.

छात्र संगठन आइसा व नौजवान संगठन इनौस द्वारा आज बुलाए गए बिहार बंद का राजधानी पटना में जोरदार असर रहा. बंद समर्थकों ने कई घंटों तक डाकबंगला चौराहे को जाम रखा, जिसके कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई.

डाकबंगला पहुंचने के पहले आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष विकास यादव, नीरज यादव सहित अन्य छात्र नेताओं व छात्र संगठनों ने पटना विश्वविद्यालय कैंपस से बिहार बंद का जुलूस निकाला और अशोक राजपथ, मखनियां कुआं तथा पटना शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए डाकबंगला चौराहे तक पहुंचा. जुलूस में अच्छी संख्या छात्रों की शामिल थी.

अन्य दूसरे छात्र संगठनों व पार्टियों का जुलूस भी डाकबंगला पहुंचा और चौराहे को पूरी तरह से जाम कर दिया.

छात्र संगठनों के बिहार बंद के समर्थन में भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ और भाकपा-माले के पटना नगर सचिव अभ्युदय डाकबंगला पहुंचे. इन नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया.

पुलिस के साथ विधायक महबूब आलम व संदीप सौरभ व अन्य बंद समर्थकों की धक्कामुक्की हुई. पुलिस ने बल प्रयोग करने की कोशिश की, जिसका प्रदर्शनकारियों ने जमकर विरोध किया. डाकबंगला चौराहे पर जमे महबूब आलम, संदीप सौरभ व अन्य बंद समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी से पूर्व महबूब आलम ने कहा कि यह सरकार अपना हक-अधिकार मांग रहे छात्र-युवाओं पर बर्बर दमन अभियान चला रही है. और जब हम उनके समर्थन में आज सड़कों पर है, तो हम पर भी जुल्म ढाया जा रहा है. हमारी गिरफ्तारी हो रही है. बिहार की जनता इसका जवाब देगी. आज देश के युवा केंद्र सरकार की असलियत जान चुके हैं. बिहार सरकार ने भी छात्र-युवाओं को लगातार धोखा दिया है. मोदी सरकार दअरसल रेलवे को बेचना चाहती है. उसे अंबानी – अडानी के हाथों गिरवी रख देना चाहती है. इसे हम किसी भी कीमत पर सफल होने नहीं देंगे. आगामी विधानसभा सत्र के दौरान हम इसे एक महत्वपूर्ण मसला बनायेंगे और सरकार को जवाब देने के लिए बाध्य करेंगे.

आइसा राज्य अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि आज के बंद को असफल करने के लिए सरकार ने हर तरह का तिकड़म लगाया, लेकिन उनकी हर तिकड़म असफल हो गई है. हम बिहार की जनता का धन्यवाद देते हैं जिन्होंने आज पूरी मुस्तैदी के साथ बिहार बंद को समर्थन दिया.

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