आज़मगढ/लखनऊ. जौहर अली पार्क बिलरियागंज, आज़मगढ़ में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं पर तड़के सुबह लाठीचार्ज और आसूं गैस के गोले दागने की घटना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए रिहाई मंच ने डीएम और कप्तान के खिलाफ करवाई की मांग की. मंच ने कहा कि देर रात से ही डीएम की मौजूदगी में पुलिस बर्बरता कर रही थी.
कल से ही आज़मगढ के बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में कुछ महिलाएं नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ़ धरने पर बैठ कर लोकतांत्रिक तरीक़े से अपना विरोध दर्ज करा रही थी. शांतिपूर्ण धरना चल रहा था. आधी रात में तीन बस में पुलिस आयी और पुलिस पूरे पार्क को घेरकर वहां मौजूद लोगों को खदेड़ने लगी. पार्क में मौजूद महिलाओं को भी वहां से जाने को कहा जाता है पर महिलाएं संविधान और लोकतंत्र की बात कहती हैं. पुलिस बर्बरता पर उतारू होकर लाठी चार्ज, रबर की गोलियां, वाटर कैनन से लेकर आंसू गैस तक का अंधाधुंध इस्तेमाल करती है. पुलिस की बर्बरता यहीं नहीं रूकती बल्कि जिस पार्क में महिलाएं बैठी थी वहां पानी भर देती है और घरों में घुस-घुसकर जो मिला उसको पकड़ ले गयी. जिनको पकड़ ले गयी उनके मोबाइल तक स्विच ऑफ करवा दिया गया जिस वजह से परिवार से कान्टेक्ट ही नहीं हो पा रहा है. पूरे जिले में भय का माहौल आख़री पायदान पर है.
रिहाई मंच ने कहा कि इस पुलिसिया दमन में महिलाओं, बच्चे-बच्चियों और पुरुषों को काफी चोटें आईं हैं. सूचना मिल रही है की रबर की गोली से तीन लोग घायल और एक महिला सरवरी ज़ख्मी हुई हैं. ये पूरी घटना अमानवीय तो है ही लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जिलाधिकारी की मौजूदगी ने बहुत से सवाल उठा दिये हैं.