इलाहाबाद. कुंभ मेला क्षेत्र आज सुबह एक सफाई कर्मचारी की ठंड लगने से मौत हो गई. सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कुंभ मेला प्रशासन की लापरवाही से हुई सफाई कर्मी की मौत हुई है. उसे जरूरी उपकरणों व वस्त्रों के बिना गंदगी में कार्य कराया गया जिससे उसे ठंड लगी और उसकी मौत हो गई. सफाई कर्मचारियों ने मृत सफाई कर्मचारी के परिजनों को 10 लाख रूपये मुवावजा देने की मांग की है.
मृत सफाई कर्मचारी का नाम ननकाई पुत्र श्री लोला (21 वर्ष ) है और वह ग्राम- बरुआ, पोस्ट- गाजीपुर, जिला- फतेहपुर का रहने वाला है. आज सुबह वह अपने टेंट में मृत अवस्था में पाया गया. ननकाई के बड़े भाई के बताया “ननकाई अभी नौजवान था वह पूरी तरह स्वस्थ था लेकिन कल रात में जब काम से लौटा तो गंदगी में काम करके आने के कारण उसे नहाना पड़ा जिससे उसे ठंड लग गई और मौत हो गयी.
कुंभ मेला क्षेत्रमें सफाई व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए सफाई कर्मी तैनात किए गये हैं। इन सफाई कर्मियों को अत्यधिक कम मासिक वेतन मिलता है और काम के घंटे भी नियत नहीं हैं। इन्हें आवासीय सुविधा के नाम पर छोटे-छोटे फटे पुराने टेंट दिए जाते हैं। दिसंबर में जब सर्दी अपने चरम पर है तब सफाई कर्मियों से रात-बेरात काम करवाया जाता है। इन्हें पानी में भीगकर और गंदगी में काम करना पड़ता है फिर भी इनके लिए ना तो अलाव की व्यवस्था की जाती है और ना ही इन्हें अच्छे टेंट दिए जाते हैं जो ठंड से बचाव कर सके और ना ही रजाई गद्दे की व्यवस्था की जाती है। अगर कोई सफाई कर्मी बीमार हो जाए तो उसके लिए उचित स्वास्थ सुविधा भी उपलब्ध नहीं होती है।
नानकाई के बड़े भाई ने कहा कि सफाई कर्मियों को गंदगी में काम करते समय दस्ताना, जूता, जैकेट आदि कुछ नहीं मिलता है. आज मेरा भाई मरा है ,कल कोई भी सफाई कर्मी मर सकता है. “
सफाई मजदूर एकता मंच (संबद्ध ऐक्टू) के अध्यक्ष राम सिया ने कहा कि “हमारी यूनियन पिछले मेलों में भी सफाई कर्मियों के लिए बेहतर रहन-सहन की मांग करती रही है लेकिन प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता है।” मंच के सचिव संतोष कुमार ने कहा कि “सरकार स्वच्छ भारत का प्रोपोगेंडा तो बहुत कर रही है मगर जिनके दम पर पूरे देश की सफाई व्यवस्था टिकी है उन सफाईकर्मियों के हित की बात छोड़िए उल्टे उनकी जान से खिलवाड़ कर रही है।”
ऐक्टू के जिलाध्यक्ष एस.सी. बहादुर ने मेला प्रशासन से मांग की, कि “ननकाई के परिजनों को तत्काल दस लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी दी जाए।”
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