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नागरिकों की बैठक में खुदाबख्श लाइब्रेरी बचाओ-धरोहर बचाओ संघर्ष मोर्चा का गठन

पटना। बिहार सरकार द्वारा फ्लाई ओवर निर्माण को लेकर खुदाबख्श लाइब्रेरी के भवन के एक हिस्से को तोड़ने के निर्णय के खिलाफ बिहार विधानसभा की पुस्तकालय समिति के सभापति व माले विधायक सुदामा प्रसाद के आह्वान पर 13 अप्रैल को अशोक राजपथ स्थित बिहार यंग मेंस इंस्टीट्यूट में पटना के नागरिकों की एक बैठक हुई, जिसमें शहर के नामी-गिरामी चिकित्सकों, शिक्षकों, संस्कृतिकर्मियों, पत्रकारों, छात्रों व शिक्षाप्रेमियों ने हिस्सा लिया.

मुख्य रूप से बैठक में पालीगंज विधायक व बिहार विधानसभा की पुस्तकालय समिति के सदस्य संदीप सौरभ, पटना विवि इतिहास विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भारती एस कुमार, पटना के प्रख्यात चिकित्सक डाॅ. सत्यजीत सिंह व डाॅ. पीएनपी पाल, एएनसिन्हा इंस्टीट्यूट के सहायक प्राध्यापक डाॅ. विद्यार्थी विकास, सामाजिक कार्यकर्ता रंजीव, साहित्यकार व प्राध्यापक सफदर इमाम कादरी, पत्रकार व लेखक पुष्पराज, इंसाफ मंच की आसमां खां व मुश्ताक राहत, सामाजिक कार्यकर्ता अमर प्रसाद यादव, शिक्षाविद् रजनीश भारद्वाज, चिकित्सक डाॅ. अलीम अख्तर, आइसा नेता शाश्वत, युवा सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत, एडवोकेट अशफाक अहमद, सेंटर फाॅर पाॅलिसी रिसर्च दिल्ली से जुड़ी अधिवक्ता अर्कजा ने फोन पर, बिहार शरीफ के कामेश्वर पासवान आदि लोगों ने नागरिक संवाद में अपने विचार व्यक्त किए और किसी भी कीमत पर खुदाबख्श लाइब्रेरी को बचाने का आह्वान किया.

इनके अलावा एआईपीएफ के अभ्युदय व डाॅ. कमलेश शर्मा, तलाश पत्रिका की संपादक मीरा दत्त, नदीम अहमद, महबूर रहमान, तबस्सुम अली सहित बड़ी संख्या में पटना विवि के छात्र संगठन से जुड़े छात्र बैठक में शामिल हुए.

विधायक संदीप सौरभ ने बैठक में मुख्यमंत्री को लिखे जाने वाले पत्र का प्रारूप पढ़ा. जिसमें संस्थान के ऐतिहासिक संदर्भों की चर्चा की गई है. पत्र में यह भी कहा गया है कि न केवल खुदाबख्श लाइब्रेरी पर खतरा है, बल्कि बीएन काॅलेज, अशोक राजपथ स्थित चर्च, पटना विवि के कई विभागों के भवनों पर भी खतरे हैं, जबकि फ्लाई ओवर ब्रिज बनाने के अनेक वैकल्पिक रास्ते मौजूद हैं.

नागरिक संवाद में इस बात पर सहमति बनी कि इस पत्र पर नागरिकों का हस्ताक्षर करवाया जाए और इसे बिहार के मुख्यमंत्री को तत्काल सौंपा जाए ताकि ऐतिहासिक भवनों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके. चूंकि यह संस्था यूनेस्को द्वारा 1969 में घोषित बिहार का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय धरोहर है, इसलिए यूनेस्को को भी इस संदर्भ में एक पत्र लिखने पर सहमति बनी.

नागरिक समुदाय की बैठक से लाइब्रेरी को बचाने के लिए चौतरफा मुहिम छेड़ने पर सहमति बनी. बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि को पत्र लिखने के साथ-साथ आंदोलनात्मक पहलकदमियों पर भी चर्चा हुई. बैठक में लाइब्रेरी को बचाने के लिए खुदाबख्श लाइब्रेरी बचाओ – धरोहर बचाओ संघर्ष मोर्चा का भी गठन किया गया.

एआईपीएफ के डाॅ. कमलेश शर्मा को इस मोर्चा का संयोजक चुना गया.

नवगठित मोर्चा ने तय किया कि आगामी 15 अप्रैल को तख्तियों के साथ व कोविड के नियमों का पालन करते हुए खुदाबख्श लाइब्रेरी के समक्ष अशोक राजपथ में मानव शृंखला आयोजित की जाएगी. संघर्ष मोर्चा ने अपनी पहली बैठक से आह्वान किया है कि लोग बड़ी संख्या में 15 अप्रैल को इस कार्यक्रम में शामिल हों.

अंत में पुस्तकालय समिति के सभापति ने कहा कि 16 अप्रैल को हमारी समिति ने पुल व पथ निर्माण के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. लाइब्रेरी पर बुलडोजर चलाने के पहले सरकार को पहले हम नागरिकों को बुलडोज करना होगा.

खुदाबख्श लाइब्रेरी बचाओ – धरोहर बचाओ संघर्ष मोर्चा की कमिटी में  सुदामा प्रसाद, सभापति, पुस्तकालय समिति, बिहार विधानसभा, संदीप सौरभ, सदस्य, पुस्तकालय समिति, बिहार विधानसभा, अजीत कुशवाहा, सदस्य, विरासत समिति, बिहार विधानसभा, प्रो. संतोष कुमार, अवकाश प्राप्त शिक्षक, एनआईटी, पटना,  प्रो. भारती एस कुमार, पूर्व विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, पटना विवि,  गालिब, शिक्षाविद्, पटना, श्री रंजीव, वाटर एक्टिविस्ट व सामाजिक कार्यकर्ता, डाॅ. सत्यजीत सिंह, प्रख्यात चिकित्सक,  प्रो. अरूण कमल – शिक्षक व कवि,  संतोष सहर – संपादक, समकालीन लोकयुद्ध,  प्रो. विद्यार्थी विकास, सहायक प्राध्यापक, एएन सिन्हा, इंस्टीट्यूट, पटना, डाॅ. पीएनपी पाल, प्रख्यात चिकित्सक,  प्रो. डेजी नारायण, पूर्व विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, पटना,  डाॅ. नंदकिशोर सिंह,  प्रो. सफदर इमाम कादरी, साहित्यकार, प्राध्यापक, पाटलिपुत्र विवि,  प्रो. डीएम दिवाकर, पूर्व निदेशक, एएन सिन्हा, इंस्टीट्यूट, पटना,  राजेश कमल, संयोजक जसम,  निवेदिता शकील, बिहार महिला समाज,  कृष्णनंदन सिंह, पीएमसीएच, कर्मचारी नेता, पुष्पराज, लेखक व पत्रकार, अफजल हुसैन, मुश्ताक राहत, इंसाफ मंच,  आस्मां खां, इंसाफ मंच,  डाॅ. गोपाल कृष्ण, लाॅ एंड पब्लिक पाॅलिसी रिसर्चर, प्रणव कुमार चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार, अजय कुमार, संपादक, बिहार टाइम्स,  प्रीति सिन्हा, संपादक, फिलहाल, अमर प्रसाद यादव, सामाजिक कार्यकर्ता, अशोक प्रियदर्शी – जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी, विकास – आइसा, शाश्वत – आइसा, मीरा दत्त – संपादक, तलाश, अभय पांडेय – पूर्वांचल लोक उत्थान शोध परिषद्,  डाॅ. अलीम अख्तर – सीनियर प्राध्यापक, बुद्धा डेंटल, शाहरूख – अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट,  जावेद अहमद – अधिवक्ता, इमरान खान – पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता,  प्रो. बीएन सिंह – पूर्व विभागाध्यक्ष, एलएसडब्लू, पटना विवि,  प्रो. अरविंद कुमार, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, पाटलिपुत्र विवि, प्रो. सत्येन्द्र कुमार सिंह, प्राचार्य, नूरसराय काॅलेज, नालंदा,  नबाव आलम, नाट्यकर्मी,  डाॅ. कमलेश शर्मा, एआईपीएफ,  अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस, रजनीश भारद्वाज, शिक्षाविद्,  सुरूर अहमद, पत्रकार, डाॅ. अशोक कुमार, व्याख्याता, इतिहास विभाग, पटना विवि, अभ्युदय, एआईपीएफ, संतोष झा, हिरावल, अर्कजा, सेंटर फाॅर पाॅलिसी रिसर्च दिल्ली, अनीश अंकुर, संस्कृतिकर्मी,  अशफाक अहमद, अधिवक्ता, पटना,  डाॅ. कामेश्वर पासवान, बिहारशरीफ, छात्र संगठन एआईएसएफ,  छात्र संगठन एसडीपीआई, छात्र संगठन सीएफआई,  तबस्सुम अली, सोशल एक्टिविस्ट, पटना, कंचनबाला शामिकिएगए हैं ।

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