समकालीन जनमत
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पुस्तक

नस्ली पूंजीवाद का विरोध

गोपाल प्रधान
2023 में प्लूटो प्रेस से सलीम वाली और अनवर मोताला के संपादन में नेविल अलेक्जेंडर की किताब ‘ अगेंस्ट रेशियल कैपिटलिज्म : सेलेक्टेड राइटिंग्स ’
संस्मरण

नागफ़नी का दोस्त (2)

दिनेश अस्थाना
( भानु कुमार दुबे ‘मुंतज़िर मिर्ज़ापुरी’ एक तरक्कीपसंद शायर रहे हैं। उनका जन्म 26 सितंबर 1953 को हुआ था। आज से दो साल पहले 28
जनमतदुनिया

ट्रेड, टैरिफ, ट्रंप और ट्रम्फेट

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  डोनांल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ही विश्व में एक खास तरह की हलचल देखी जा रही है
जनमत

भारत का संविधान : जन अधिकार और लोकतान्त्रिक मूल्यों का प्रतिबिम्ब

समकालीन जनमत
रामायन राम  (संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयन्ती पर भारतीय संविधान में जनता के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के निर्माण  को लेकर लिखा
पुस्तक

रूपम मिश्र के काव्य संग्रह ‘एक जीवन अलग से’ की समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण एक अभुआता समाज कायनात की सारी बुलबुलों की गर्दन मरोड़ रहा है….! रुपम मिश्र की कविताएँ हिंदी कविता की समृद्धि की सूचक हैं।
कविता

देवेंद्र कुमार चौधरी की कविताएँ प्रेम की तरल संवेदना की अभिव्यक्ति हैं

समकालीन जनमत
पंकज चौधरी प्रेम की तरल संवेदना के कवि हैं देवेंद्र कुमार चौधरी। देवेंद्र को पढ़ते हुए केदारनाथ अग्रवाल याद आते है। केदारनाथ अग्रवाल इसलिए क्योंकि
जनमत

राहुल सांकृत्यायन की जयंती पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

समकालीन जनमत
आज़मगढ़ के रैदोपुर स्थित राहुल चिल्ड्रेन एकेडमी में राहुल सांकृत्यायन की जयंती पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। ‘सनातन, बौद्ध धर्म और आज का समय(सन्दर्भः राहुल
कविता

सोनम यादव की कविताएँ सघन संवेदनाओं से संतृप्त हैं

समकालीन जनमत
शिरोमणि महतो सोनम यादव एक संभावनाशील व अतीव संवदेनशील युवाकवि हैं। संवेदनशीलता स्त्रियों का नैसर्गिक गुण है। किन्तु सोनम की संवदेना ज़्यादा सघन और सांद्र
कविता

एक पर्यावरणप्रेमी – जनवादी कवि की कविताएं : कनक चंपा और अन्य कविताएं

 नीरज सिंह  जितेंद्र कुमार हिंदी – भोजपुरी साहित्य के एक सुपरिचित नाम हैं । उनकी गणना बेहद दृष्टिसंपन्न रचनाकारों में होती है । उन्होंने कविता
स्मृति

नागफ़नी का दोस्त (1)

दिनेश अस्थाना
( भानु कुमार दुबे ‘मुंतज़िर मिर्ज़ापुरी’ एक तरक्कीपसंद शायर रहे हैं। उनका जन्म 26 सितंबर 1953 को हुआ था। आज से दो साल पहले 28
स्मृति

राम किशोर सेकुलर और जनतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई की जरूरत थे – जन संस्कृति मंच

कौशल किशोर
लखनऊ। राही मासूम राजा अकादमी के संस्थापक महामंत्री, सोशलिस्ट फाऊंडेशन के अध्यक्ष तथा सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलन के सक्रियतावादी राम किशोर नहीं रहे। चार  अप्रैल को
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति

जसम ने किया घर-गोष्ठी का आयोजन

समकालीन जनमत
इलाहाबाद, जन संस्कृति मंच ने एक अप्रैल को घरेलू गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी का विषय कविता पाठ एवं परिचर्चा था, जिसमें कविता पाठ के लिए
जनमत

संघीय ढांचे का उल्लंघन करता उत्तराखंड का यूसीसी

समकालीन जनमत
इंद्रेश मैखुरी    अंततः उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से यूसीसी लागू कर दिया गया है. 2022 में उत्तराखंड विधानसभा के चुनावों से पहले भाजपाई
जनमत

युवाओं की जेब और संघियों का औरंगज़ेब

समकालीन जनमत
आजकल आरएसएस ने अपने आनुसांगिक संगठनों और कार्यकर्ताओं द्वारा  औरंगजेब की कब्र के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। जिसकी कमान  बजरंग दल और विश्व हिंदू
साहित्य-संस्कृति

‘ भविष्य के सपनों को देखने के लिए इतिहास बोध ज़रूरी ’

‘राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ के सभागार में ‘सांस्कृतिक राजनीति और हाशिए का समाज’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन मऊ। भारत जन ज्ञान-विज्ञान समिति एवं जन
कहानी

बंद दरवाज़ा: विनीता बाडमेरा की कहानी

समकालीन जनमत
बंद दरवाज़ा विनीता बाडमेरा की कहानी सामान्य मनुष्यों के पास भी हजारों कहानियाँ होती हैं पर वह कहानी कह नहीं पाता,लिख नहीं पाता। कहानीकार उन्हीं
कविता

वसुंधरा यादव की कविताएँ मनुष्य-जीवन के संगीत के प्रति सघन आस्था से लबरेज़ हैं

तनुज कुमार कविता की दुनिया में रचनात्मक कदम-ताल की इतिश्री के कई रास्ते हैं. यहाँ अभिजात्य और कुरूप के बीच द्वंद्व भी है और साम्य
ख़बर

साउथ एशिया पीजेंट फेडरेशन ने काठमांडू में राजशाही समर्थकों की हिंसा की निंदा की

नई दिल्ली। साउथ एशिया पीजेंट फेडरेशन (एस ए पी एफ) ने 28 मार्च को काठमांडू में राजशाही समर्थक ताकतों द्वारा की गई हिंसा और लूटपाट
कहानी

अरहर की दाल ( कहानी)

समकालीन जनमत
आलोक कुमार श्रीवास्तव  एंड्रॉएड फोन पास न होने का दर्द इन दिनों अक्सर ही सतह पर आ जाता है। मन में एक कचोट-सी उठती है।
जनमत

बिहार चुनाव भारत के लिए बेहद अहम- दीपांकर भट्टाचार्य

समकालीन जनमत
भाकपा (माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य बताते हैं कि बिहार का चुनाव भारत के भविष्य के लिए बेहद अहम है.यह चुनाव देश के संविधान, आज़ादी और
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