लखनऊ। केन्द्र और प्रदेश सरकार पर नौजवानों को रोजगार देने में विफल रहने का आरोप लगते हुए कांग्रेस नेताओं ने आज विधान सभा के सामने पकौड़े तले और बेचा. इस मौके पर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि युवाओं को रोजगार दिलाने और प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों की आवाज को बुलंद करने के लिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन का यह तरीका चुना.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का चाल और चरित्र जनता के सामने आ चुका है। युवाओं को झांसा देकर बनायी गयी यह सरकार रोजगार के मुद्दे पर पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। यही कारण है कि इससे जुड़े अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में 10 माह लगा दिये गये। बी.टी.सी. के 2013 और 2014 बैच के 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति पत्र नहीं दे सके हैं।शिक्षामित्रों की समस्या को सुलझाने की बजाय उलझाकर रखा गया है। आंगनवाडी, आशा बहुओं, रोजगार सेवकों, सफाई कर्मियों को बेहतर सेवा और शर्त न दिया जाना भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।
उन्होनें कहा कि उत्तरप्रदेश में ग्रामीण इलाकों मे बेरोजगारी की दर 5.8 फीसदी और शहरी इलाकों में 6.5 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत 5.8 फीसदी से अधिक है। इक्कीस करोड़ की आबादी वाले राज्य में लगभग 5 करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं तो दूसरी ओर लगभग 5 लाख सरकारी पद खाली पडे हुए हैं। बेरोजगारों में 25 फीसदी 20 से 24 आयु वर्ग की है जबकि 25 से 29 वर्ष की उम्र वाले युवकों की तादाद 17 फीसदी हैं।
उन्होनें कहा कि लोक सभा चुनाव में भाजपा ने 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया जबकि 2015 में मात्र 1.55 लाख और वर्ष 2016 में 2.13 लाख ही नए रोजगार सृजित हुए। कुल मिलाकर 3.86 लाख ही रोजगार देश भर में पैदा हुए। विधान सभा चुनाव में भाजपा ने वादा किया कि अगले पांच साल में 70 लाख रोजगार पैदा करेगें। एक साल में 14 लाख का वादा किया और हर महीने में लगभग सवा लाख रोजगार देने का वादा किया किंतु धरातल पर स्थिति अलग है।
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