ब्राजील में 25 फरवरी को पहला कोविड-19 संक्रमण का केस सामने आया और आज की तारीख में वहां कोविड संक्रमितों की संख्या 9 लाख है, जबकि मरने वालों की संख्या 45 हजार के पार है। अमेरिका के बाद ब्राजील विश्व का दूसरा सबसे ज़्यादा कोविड-19 प्रभावित देश है।
ब्राजील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) द्वारा कोविड-19 वैश्विक महमारी के खिलाफ लगातार ढुलमुल और गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने तथा लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे ज़रूरी एहतियाती मानदंडों को हतोत्साहित करने के चलते ब्राजील में कोरोन महामारी ने इतना विकराल रूप धरा है। राष्ट्रपति के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये से नाराज़ ब्राजील की जनता पिछले 15 दिन से राष्ट्रपति को हटाने की मांग लेकर सड़कों पर है।
कोविड-19 के खिलाफ बोल्सोनारो का तानाशाही रवैया
ब्राजील में कोविड-19 से पहली मौत 17 मॉर्च को हुई और ठीक 24 दिन बाद ही मौत का आँकड़ा बढ़कर 1000 हो गया। जबकि कोविड-19 का पहला केस ब्राजील में 25 फरवरी को सामने आया था।
उस दौरान ब्राजीली राष्ट्रपति कई बार टीवी पर आए और कोविड-19 को एक ‘लिटिल फ्लू’ बताते हुए मीडिया द्वारा हाइप दिए जाने की आलोचना करते हुए इसे मीडिया हिस्टीरिया बताया था। सोशल डिस्टेंसिंग जैसे ज़रूरी एहतियात को राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने ‘क्राइम’ बताया था।
मई के पहले सप्ताह में एक ब्राजीली पत्रकार द्वारा कोविड-19 से होने वाली रिकॉर्ड मौतों के बाबत पूछे जाने पर राष्ट्रपति ने उत्तर में कहा था- तो क्या ? मुझे दुःख है, लेकिन आप मुझसे क्या चाहते हैं, कि मैं करूँ?
São Paulo, Brazil, is digging mass graves as their president offers citizens “freedom” or “the prison” of social isolation. When told about the rising death toll, he said, “So what?” Each family is given 5 minutes by the grave so that the next family can bury their loved one. pic.twitter.com/6D1LmUBMEH
— Khaya Dlanga (@khayadlanga) May 2, 2020
एक ब्राजीलियन अख़बार ने हाईलाइट करते हुए लिखा कि राष्ट्रपति द्वारा कोविड-19 को ‘ लिटिल फ्लू’ बताने के ठीक 100वें दिन हालात ये है कि बीमारी हर मिनट में एक ब्राजीली की जान ले रही है।
Part 2 pic.twitter.com/h6dEJCamPj
— Khaya Dlanga (@khayadlanga) May 2, 2020
ब्राजील में कोविड-19 से होने वाली मौतों पर 28 मार्च को बोलते हुए उनके शब्द हैं- “I am sorry. Some people will die, they will die, that’s life. You cann’t stop a car factory because of traffic daths.”
इम्पीरियल कॉलेज लंदन के एक ताजा अध्ययन में बताया गया है कि ब्राजील मौत दर दुगुना होने की मियाद सिर्फ़ 5 दिन है। ब्राजील में कोविड-19 से होने वाली मौतों की दर का अनुमान इससे लगाइए कि वहां पहले से ही सामूहिक कब्रे बनाई जा रही हैं।
अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ते हुए राष्ट्रपति बोल्सोनारो साओ पाउलो के गवर्नर (Joao Doria) और रियो डि जनेरो के गवर्नर विल्सन बिज़ल पर अपना सारा गुस्सा उतारते हैं।
जून के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति बोल्सोनारो को जवाब देते हुए गवर्नर डोरिया ने कहा उन्हें आमंत्रित करते हुए कहा कि –“आप ब्रेसिलिया के “बबल” और “अपनी नफ़रत की दुनिया” के बाहर निकलकर अस्पतालों में “मरते लोगो” को देख आइए।”
“ आपने कहा था कि ब्राजील में केवल एक फ्लू से गुजर रहा है लेकिन अब क्या? इतनी मौतों के बाद अब आप क्या कहेंगे कि देश एक महामारी से गुज़र रहा है या ‘लिटिल कोल्ड’ से?”
बता दें कि राष्ट्रपति बोल्सोनारो शुरु से ही लॉकडाउन के खिलाफ़ थे और साउ पॉउलो में लॉकडाउन लगाने के गवर्नर के फैसले के खिलाफ़ होने वाले विरोध प्रदर्शन में वो खुद हिस्सा लिए थे। कोविड-19 महामारी के दौरान ही 24 मई को राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने देश की राजधानी में समर्थकों की रैली में बिना मास्क के ही शिरकत की। जबकि ब्राजील तब तक दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोविड-19 संक्रमित देश बन चुका था। और वहां 24 मई की तारीख तक संक्रमितों की संख्या 3,47,000 हो चुकी थी।
वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा लॉकडाउन हटाने के फैसले पर WHO ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘नए संक्रमण की दर को कम किए बिना लॉकडाउन हटाना घातक होगा।’ WHO की चेतावनी पर नाराजगी जाहिर करते हुए 6 जून को राष्ट्रपति भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए बोल्सोनारो ने धमकी देते हुए कहा- “अमेरिका ने WHO को छोड़ दिया है और भविष्य़ में हम भी ऐसा ही करने वाले हैं। या तो डब्ल्यू. एच. ओ. वैचारिक पूर्वाग्रह से बाहर निकलकर काम करे या फिर हम भी इसें छोड़ देंगे।”
30 अप्रैल को मीडिया को संबोधित करते हुए बोल्सोनारो ने कहा मृतकों की “इनवॉयस” उन गवर्नरों और मेयरों को भेज दी जाएगी जो कोविड-19 के खिलाफ़ आइसोलोशन के मापदंडों को लागू करने की पैरवी करते आए हैं। वो लोग उत्तर दें। वो इसकी जिम्मेदारी मेरे कंधे पर नहीं डाल सकते। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा के देश का मुखिया होने के नाते इस महामारी में आपका क्या जिम्मेदारी है तो जवाब में उन्होंने कहा ये ये सवाल इतना बेवकूफी भरा है कि मैं तुम्हें इसका उत्तर नहीं दूगां।
कोरोना काल में महीने भर में दो स्वास्थ्यमंत्रियों को पद से हटाया
राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो द्वारा कोरोना क्राइसिस के दौरान एक महीने के अंदर दो स्वास्थ्यमंत्रियों को उनके पदों से हटाया गया।
—Ex-Health Minister Henrique Mandetta leaves office singing pic.twitter.com/qKCQua4RSU
— Covid-19 Pandemic (@NewsGlobalBr1) April 17, 2020
जिम और ब्युटी पार्लर खोले जाने और हल्के लक्षण वाले मरीजों पर क्लोरोक्विन के इस्तेमाल के फैसले से नाराज़ होकर स्वास्थ्य मंत्री नेल्सन टेक (Nelson Teich) ने अपनी नियुक्ति से महज एक महीने के अंदर ही 15 मई को ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
BREAKING: Brazilian health minister says President Jair Bolsonaro has fired him amid a dispute over virus policy. Luiz Henrique Mandetta garnered popular support for his pandemic response that included promotion of broad isolation measures. https://t.co/Xt6Hd63zTy
— The Associated Press (@AP) April 16, 2020
जबकि नीलसन टेक से पहले के स्वास्थ्य मंत्री लुइज हेनरिक (Luiz Henrique Mandetta) को भी 16 अप्रैल को राष्ट्रपति बोलसोनारो द्वारा पद से हटा दिया गया था कारण ये था कि कोविड-19 के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री लुइज हेनरिक मेन्डेटा ने ब्राजील के लोगो से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और घरों में रहने की अपील की थी।
Brazil's outgoing health minister Nelson Teich said in a press briefing on Friday that he had decided to resign from his position, becoming the second person to leave the top public health position in less than a month in the midst of the coronavirus pandemic. pic.twitter.com/2ovArGmylm
— M.News World (@mnews_world) May 16, 2020
लैंसेट ने अपनी रिपोर्ट में कोविड-19 से ब्राजील की लड़ाई को सबसे बड़ा ख़तरा राष्ट्रपति बोल्सोनारो को बताया
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने 9 मई को अपनी एक संपादकीय में कोविड-19 के खिलाफ ब्राजील की लड़ाई को सबसे बड़ा ख़तरा खुद देश के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो से बताया।
30 अप्रैल को जब संक्रमितों की संख्या 80 हजार पार करने लगी तो राष्ट्रपति ने कोविड-19 के देश में भयावह रूप धरने पर राज्य के गवर्नरों को इसके लिए कसूरवार ठहराया।
लैंसेट बताता है कि अन्य देशों की तुलना में कोविड-19 ब्रजील में देर से पहुँचा। जहाँ पहला केस 25 फऱवरी को दर्ज किया गया। जब एक इटली से लौटे नागरिक में कोविड-19 की पुष्टि हुई। लेकिन राष्ट्रपति बोल्सोनारो के बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैये और WHO के दिशानिर्देशों को न मानने के चलते ऐसा हुआ। राष्ट्रपति ने 210 मिलियन आबादी को लगातार कन्फ्यूज करके रखा।
3 मई को ब्राजीली फोटोजर्नलिस्ट सेबेस्टियाओ सलगादो (Sebastião Salgado) द्वारा आयोजित कलाकारों, मशहूर लोगो, वैज्ञैनिकों और बुद्धिजीवियों के एक वैश्विक समूह द्वारा एक खुल पत्र लिखा गया जिसमें आसन्न जनसंहार की चेतावनी दी गई है।
राष्ट्रपति बोल्सोनारो के खिलाफ़ ब्राजील सुप्रीम कोर्ट सख्त
कोविड-19 क्राइसिस के बीच ही ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर और ब्राजीली सुप्रीमकोर्ट के बीच रस्साकशी चल रही है। राष्ट्रपति बोल्सोनारो द्वारा ब्राजील के फेडेरल पुलिस हेड को उनके पद से हटाए जाने के बाद 24 अप्रैल को दक्षिणपंथी न्यायमंत्री सर्जियो मोरो (Sérgio Moro) जिनको खुद बोल्सोनारो ने ही नियुक्त किया था उन्होने भी राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
फिलहाल ब्राजील की सुप्रीमकोर्ट राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर लगे इस आरोप की जांच कर रही है कि बोलसनारो ने संघीय पुलिस नियुक्तियों में अवैध रूप से हस्तक्षेप किया है या नहीं। वहीं उन पर एक दूसरे आरोप के तहत सोशल मीडिया पर प्रो-बोल्सनारो दुष्प्रचार कैंपेन चलाने की भी जांच की जा रही है।
विपक्षी पार्टी द्वारा कोर्ट में ये दलील दिए जाने के बाद कि फेडरल पुलिस हेड के पद पर पारिवारिक मित्र की नियुक्ति से कानून लागू करने पर अनुचित प्रभाव पड़ेगा के बाद 28 मई को ब्राजील की सुप्रीमकोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा फेडरल पुलिस को संचालित करने के लिए पुलिस हेड के चयन पर रोक लगा दी। विपक्षी दल का तर्क था कि पुलिस मुखिया के पद पर पारिवारिक मितत्रों उनके अधिकार को ब्लॉक कर दिया था। कोर्ट का ये फैसला बोल्सोनारो सरकार के पूर्व न्यायमंत्री द्वारा लगाए उस आरोप के पबाद आया जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति ने पुलिस चीफ की अदला-बदली करके अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है। निर्णय देने वाले जज का नाम Alexandre de Moraes है।
वहीं राष्ट्रपति और सुप्रीमकोर्ट के बीच जारी संवैधानिक संघर्ष के बीच सोमवार 16 जून को बोल्सोनारो ने एक रेडियो पर कहा कि मिलिट्री एक चुनी हुई राष्ट्रपति को नहीं हटा सकती
जबकि इसके ठीक अगले ही दिन मंगलवार को सुप्रीमकोर्ट ने लोकतंत्रविरोधी प्रो-बोल्सोनारो रैली को आयोजित करने वाले राष्ट्रपति से जुड़े लोगो के फाइनेंशियल और फोन रिकॉर्ड की जांच करने का आदेश भी दे दिया है।
Brazil court allows police to access Bolsonaro allies' phone, bank records https://t.co/yb9rFkFd1n pic.twitter.com/f1YAGKss9R
— Reuters (@Reuters) June 17, 2020
प्रो-बोल्सोनारो यानि एंटी डेमोक्रेटिक रैली का आयोजन
दक्षिणपंथी कट्टरवादियों द्वारा सत्ता में रहते एक नया चलन चलाया गया है। दक्षिणपंथी सत्ताएं जहां हैं वो अपने खिलाफ़ होने वाली विरोध के खिलाफ़ एक प्रो-प्रोटेस्ट मैनेज करते हैं। भारत में हमने एंटी-सीएए आंदोलन के विरोध में दक्षिणपंथी सत्ता द्वारा प्रो-सीएए आयोजन करते देखा है।
Brazil's Bolsonaro headlines anti-democratic rally amid alarm over handling of coronavirus https://t.co/U4UA8rFYmz pic.twitter.com/ON4xaXgRLI
— Reuters (@Reuters) May 4, 2020
ब्राजील में कोविड-19 को विकराल रुप पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग लेकर शुरु हुए जनआंदोलन के खिलाफ़ दक्षिणपंथी विंग द्वारा हिंसक लोकतंत्र विरोधी रैलियों का आयोजन किया गया। ये रैलियां इतनी हिंसक थी कि ब्राजील की राजधानी ब्रासेलिया में गवर्नर ने प्रो बोल्सोनारो प्रदर्शनकारियों को ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस भवत तक पहुंचने से रोकने के लिए गलियों को बंद करवाना पड़ा।
Governor shuts streets in Brasilia to stop protesters reaching Congress, Supreme Court https://t.co/XSfDUw5yjL pic.twitter.com/ATNbFVpZnj
— Reuters (@Reuters) June 14, 2020
#Brazil police raid #Bolsonaro backers in investigation of anti-democratic protests and who finances them https://t.co/HmKEkAGwZR
— Anthony Boadle (@AnthonyBoadle) June 16, 2020
अतः कल हिसंक प्रदर्शन का आयोजन करने वाले प्रो-बोल्सोनारो उपद्रियों को ब्राजील पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ब्राजील पुलिस ने दक्षिणपंथी राष्ट्रपति का समर्थन करने वाली ‘लोकतंत्र विरोधी रैलियों’ को फाइनेंस करने वाले जेयर बोल्सोनारो के करीब समर्थकों के घरों और कार्यालयों में छापेमारी की। बता दें कि इनमें से कई लोकतंत्र विरोधी रैलियों में खुद राष्ट्रपति बोल्सोनारों पहुंचे थे और वहां प्रदर्शनकारियों से हाथ मिलाया था। इन लोगो ने करीब 300 लोगो को इकट्ठा करके पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के बाहर मशाल रैली भी आयोजित की थी।
meanwhile in Brazil … the indignant people protest against the supreme court https://t.co/bvPjAupOid
— Marcelo Soares dos Santos (@soaresmarcelo75) June 15, 2020
बता दें कि बोल्सोनारो के खिलाफ कई मामलों में जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट ने बोल्सोनारो के प्रति काफी कड़ा रुख इख्तियार कर रखा है।
कल रात दक्षिणपंथी सारा विंटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि सारा विंटर ने ही शनिवार को “Brazil’s 300,” रैली के दौरान सुप्रीमकोर्ट की इमारत की दिशा में पटाखे फोड़े — जोकि एक तरह से बम अटैक करने जैसा था।
🚨 BREAKING NEWS:
The Brazilian Federal Police has arrested far-right activist Sara Winter. She leads a group called "Brazil's 300," which launched fireworks in the direction of the Supreme Court building on Saturday — simulating a bomb attack. pic.twitter.com/4v4wcq6lf9
— The Brazilian Report (@BrazilianReport) June 15, 2020
‘बोल्सोनारो हटाओ’ नारे के साथ ब्राजीली जनता सड़कों पर
‘बोल्सोनारो हटाओ’ नारे के साथ ब्राजील की जनता सड़कों पर आंदोलनरत है।
#MulheresDerrubamBolsonaro The protest, women against Bolsonaro, show a big flag with the Marielle Franco face. No one will sleep until Bolsonaro being removed from his chair! He doesn't care about Brazilian people, he just care about bankers! 🤑💰💰💰 pic.twitter.com/wtenorWAfh
— Zel Florizel 🇧🇷🏴 (@ZellFlorizel) June 15, 2020
हालांकि कई बार प्रदर्शनकारियों को पुलिस और प्रो-बोल्सोनारो उपद्रियों के द्वारा हिंसा का भी शिकार होना पड़ा है।
Brazilian police clash with anti-Bolsonoro protesters during demo in Sao Paulo : Anti-Bolsonaro protests against racism in Sao Paulo ended with clashes between a small group of protesters and police on Sunday.on 8 Jun 2020 pic.twitter.com/Tnmrwo7O39
— daily-news-world24 (@DailyWorld24) June 8, 2020
#MulheresDerrubamBolsonaro The protests against Bolsonaro are increasing. The Brazilian people are fed up with paying taxes and being treated like idiots. Economy Minister Paulo Guedes has destroyed public finances. pic.twitter.com/sZdpEPqY5F
— Zel Florizel 🇧🇷🏴 (@ZellFlorizel) June 14, 2020
Tens of thousands of people took to the streets and marched in cities across #Brazil to protest against the policies of neo-fascist President Jair Bolsonaro.
Against the genocide of black people, poor and indigenous communities.
Against a fascist police State. pic.twitter.com/s8TKwj4oNk— th1an1 (@th1an1) June 7, 2020
मई के आखिरी पखवाड़े से ही जनता द्वारा राष्ट्रपति बोल्सोनारो को हटाए जाने की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। देश के सबसे बड़ी कोर्ट में सबसे ज़्यादा समय तक सेवा देने वाले जज गिल्मर मेंडेस ने भी जन प्रदर्शन को समर्थन दिया है।
A top court judge in Brazil rules recent protests are fundamental to shielding democracy from President Jair Bolsonaro’s authoritarian acts https://t.co/1Qw8Dr5WKA
— Bloomberg (@business) June 12, 2020
रॉयटर्स से बात करते हुए पूर्व जज मेंडेस ने कहा- “ब्राज़ील में पिछले दो सप्ताहांतों में हो रहा विरोध प्रदर्शन राष्ट्र के युवा लोकतंत्र व आधारभूत लचीलेपन का प्रमाण है, और ये राष्ट्रपति बोल्नारो की सत्तावादी प्रवृत्ति से बचाने के लिए है।
गिल्मर मेंडेस, देश की शीर्ष अदालत में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले न्यायमूर्तियों में से एक हैं, ने कहा कि कांग्रेस और न्यायपालिका राष्ट्रपति शक्तियों को असंतुलन प्रदान करते हैं जो कि किसी भी लोकतंत्र में स्वाभाविक हैं, लेकिन वे बोल्सनारो के प्रशासन के दौरान तेजी से सक्रिय रहे हैं क्योंकि इस दौरान संस्थानों को बंद करने की धमकी समेत कई छेड़छाड़ की गई।”
उन्होंने आगे कहा- “हर समय हमें टेस्ट किया जाता रहा, और हम अच्छी तरह से जवाब दे रहे हैं, ब्राजील के संस्थानों ने ‘लचीलापन’ दिखाया है, और समाज ‘सुन्नता की एक निश्चित अवस्था’ से इस तरह के उकसावे की प्रतिक्रिया पर जागा है।”