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कोडरमा से विनोद सिंह को चुनने का मतलब दिल्ली की संसद में एक निडर आवाज- कल्पना सोरेन

कोडरमा। आज तिसरी के गांधी मैदान में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विनोद सिंह के समर्थन में विशाल जनसभा हुई। हजारों लोग 40 डिग्री तापमान में भी अपने प्रत्याशी और नेताओं को सुनने के लिए जमा थे। सभा को मुख्य रूप से प्रत्याशी विनोद सिंह के अलावा श्रीमती कल्पना सोरेन मुर्मू, बिहार के भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनि बारला, राजधनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव एवं निजामुद्दीन अंसारी और सांसद सरफराज अहमद ने संबोधित किया।

सभा में कल्पना सोरेन ने कहा कि झारखंड के लोगों को बिना लड़े कभी उनका हक नहीं मिला। वह झारखंड राज्य की लड़ाई रही हो या आज अपने हक की। पहली बार हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से झारखंड के 1 लाख 36000 करोड़ रुपए मांगे जो हमारा हक है। झारखंड का पैसा है, जनता के विकास का पैसा है। दिल्ली सरकार ने उसे नहीं दिया उल्टे उन्हें गलत मामले में फंसा कर जेल भेज दिया । केंद्र सरकार को लग रहा था कि हम डर जाएंगे लेकिन झारखंड न डरेगा न झुकेगा।

उन्होंने विनोद सिंह को झारखंडी बेटा और पूरे झारखंड की सबसे दमदार आवाज बताते हुए लोगों से लोकसभा में कोडरमा की निडर आवाज पहुंचाने के लिए शपथ दिलवाई। अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने गांवा तिसरी के इलाके में एक डिग्री कॉलेज देने का वादा भी किया।

उल्लेखनीय है कि इस इलाके के लगभग 100 किलोमीटर तक सरकार या सरकार से सहायता प्राप्त कोई डिग्री कालेज नहीं है जबकि केंद्र में यहाँ की निवर्तमान सांसद 5 साल से केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री हैं।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी का.विनोद सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी फिर कोडरमा की धरती पर आए हैं। इसके पहले भी जब वह आए तो कभी अभ्रक की तरह कोडरमा की किस्मत चमकाने और कभी आकांक्षी जिला घोषित करके विकास की बात किए लेकिन कोडरमा के हिस्से केवल खोखला वादा आया।

प्रधानमंत्री जी ने आज भी बिरनी के पेसम में अपने पुराने वादों पर न कोई जवाब दिया और न ही कोडरमा के लोगों की समस्याओं पर कुछ कहा।

श्री सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के  10 सालों में सामुदायिक जमीन जंगल पर से वन विभाग के कानून के नाम पर लोगों का हक छीन लिया गया। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। आदिवासियों के सामूहिक जमीन,, उनका जंगल उनका खनिज सब अपने पूंजीपति मित्रों को देने के लिए सारे कानून बदल दिए जाते हैं। झारखंड को उसका हक नहीं देते।

उनकी मंत्री जी के पास जब बताने के लिए अपना एक भी काम नहीं तो वह मोदी जी के चेहरे पर और इन्हीं झूठे वादों पर वोट मांग रही है। उनसे पूछा जाना चाहिए कि उनके नौकरी के वादे का क्या हुआ। महंगाई इतनी चरम पर है इस पर उनका क्या कहना है। मजदूरों के लिए उनके पास क्या है ?

सभा को संबोधित करते हुए बिहार में भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि भाजपा इस देश के लोगों में डर का माहौल पैदा कर रही है। मुसलमान, आदिवासियों और हाशिये के लोगों पर सबसे अधिक हमला कर रही है। जबकि उसका संवैधानिक दायित्व है कि वह सबके लिए सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करें। लेकिन वह तो संविधान की ही को ही बदलने की बात कर रहे हैं। वह अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात कर रहे हैं और उनकी उत्तराखंड की राज्य सरकार ने यह कानून पास भी कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि आदिवासियों अल्पसंख्यकों को उनकी बेहतरी के लिए जो विशेष अधिकार संविधान में दिए गए हैं,  उन अधिकारों का खात्मा। हमें इसे हर हाल में रोकना होगा वरना इस देश में इन समुदायों को जो थोड़ा बहुत संवैधानिक अधिकार है उसका भी खत्मा हो जाएगा।

रांची से आई सामाजिक कार्यकर्ता दयामनि बारला ने कहा कि आज जब आदिवासी जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ते हैं तो उन्हें जेल भेजा जा रहा है। यह निरंकुश सरकार है। इसको हराकर ही हम अपने अधिकार हासिल कर सकते हैं।

 सभा को संबोधित करने वालों में सांसद सरफराज अहमद, राजधनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव व निजामुद्दीन अंसारी झामुमो नेता मुर्मू राजद अध्यक्ष और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मंच पर थे। विभिन्न इलाकों से आए तमाम लोग अपने पारंपरिक वस्त्र, वाद्य और नृत्य के साथ सभा में अलग समा बांध रहे थे।

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