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भाजपा संविधान के बजाए मनुस्मृति वाला देश बनाना चाहती है : कविता कृष्णन

जनता की एकता और लोकतंत्र को खतरनाक तरीके से कमजोर करने वाली भाजपा को चुनाव में हर हाल में शिकस्त देना होगा: कविता कृष्णन

लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की साझी संस्कृति को बचाने के लिए राजू यादव को जिताना जरूरी है : नीरज सिंह

‘बुद्धिजीवी सम्मेलन’ में राजू यादव के समर्थन की घोषणा की गई

आरा (बिहार). ‘वर्तमान लोकसभा चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है। डाॅ. अंबेडकर ने संविधान बनाने के बाद कहा था कि हमारे यहां लोकतंत्र की जड़ें थोड़ा कमजोर हैं, उनको मजबूत करने की जरूरत है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में इस लोकतंत्र को खतरनाक तरीके से कमजोर करने का काम किया है। देश की विविधता, जनता की एकता, साझी शहादत, साझी विरासत की संस्कृति और लोकतांत्रिक संस्थाओं को यह सरकार ध्वस्त करने में लगी है। पिछले कई दशकों में बेरोजगारी की सबसे खराब स्थिति इस देश में पैदा हुई है। नौजवानों, किसान-मजदूरों, दलित-आदिवासियों, महिलाओं के अधिकारों पर लगातार हमले जारी हैं। सरकार को जनता से भयभीत होना चाहिए, लेकिन मोदी और उनके गठबंधन ने जनता को भयभीत और असुरक्षित करने का काम किया है। इसलिए इन्हें हर हाल में शिकस्त देना होगा।’’

आरा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के भाकपा-माले और महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार राजू यादव के समर्थन में आयोजित ‘बुद्धिजीवी सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए एपवा की राष्ट्रीय सचिव, लिबरेशन पत्रिका की संपादक और भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने ये बातें कहीं।

भाजपा के वर्तमान सांसद आरके सिंह पर निशाना साधते हुए कविता कृष्णन ने कहा कि उन्होंने संसद में रोजगार तथा गरीबों, दलितों, उत्पीड़न, अन्याय को लेकर एक भी सवाल नहीं उठाया। वित्त और रक्षा को लेकर कुछ सवाल किए, तो उसमें भी बड़े पूंजीपतियों के पक्ष में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा किसके विकास के लिए काम कर रही है और किस आतंकवाद की रक्षा कर रही है, जनता को यह बताना चाहिए। हम हिंदू आतंक या मुस्लिम आतंक की बात नहीं करते। लेकिन भाजपा जाति और संप्रदाय के आधार पर नृशंस आतंक को संरक्षण देती रही है। भोजपुर भी इसका गवाह है। देश में खून खराबा के लिए वह सीधे तौर पर जिम्मेवार है। उनके सांसद आरके सिंह गृहसचिव रहते हुए खुद उनके आतंक के बारे में बता चुके हैं। लेकिन राजनीतिक स्वार्थ में उन्हीं की गोद में जाकर वे बैठ गए।

कविता कृष्णन ने कहा कि वामपंथी आंदोलन हो या दलित आंदोलन, महिला आंदोलन या सामाजिक न्याय का आंदोलन- ये सारे आंदोलन की देशप्रेम यानी देश की जनता से प्रेरित रहे हैं। लेकिन भाजपा-संघ इन आंदोलनों को देश विरोधी बताते हैं। जबकि खुद ये देश के विरोधी हैं। इनके लिए देश का अर्थ भारत के संविधान से तय नहीं होता, बल्कि ये मनुस्मृति वाला देश बनाना चाहते हैं। ये हिटलर और मुसोलिनी की विचारधारा से प्रेरित हैं।

कविता कृष्णन ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता से ब्रिटिश हुकूमत को घबराहट होती थी। हिंदू-मुस्लिम एकता से घबराकर ही सौ साल पहले अंग्रेजों ने जालियांवाला बाग जनसंहार किया था। आजादी के आंदोलन से लेकर अब तक संघ और भाजपा जैसी ताकतें ही हिंदू-मुस्लिम एकता से घबराती हैं। जालियांवाला बाग जनसंहार के 100 साल पूरे होने पर भाकपा-माले पूरे देश आयोजन करेगी और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करेगी।

उन्होंने कहा कि संसद में राजू यादव जैसे ईमानदार और समाज सेवा के प्रति समर्पित नौजवान को जाना चाहिए। उन्होंने निजी मुनाफे के लिए राजनीति नहीं की है, बल्कि गरीबों की शिक्षा, युवाओं के रोजगार, किसानों के लिए सिंचाई व फसल की वाजिब कीमत को लेकर संघर्ष करते रहे हैं।

आशाकर्मियों, रसोइया बहनों के आंदोलनों के साथ खड़े रहे हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार, कारपोरेट लूट के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व किया है। उन्होंने जनपक्षीय विकास से जुड़े मुद्दों पर संघर्ष किया है। संसद में ऐसे ही जननेताओं को पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाकपा-माले ने नए भोजपुर और नए बिहार की लड़ाई लड़ी है। दलितों, शोषितों, वंचितों को सामाजिक न्याय दिलाया है। गरीबों ने यहां संघर्ष और कुर्बानी के बल पर वोट देने का अधिकार हासिल किया। राजू यादव के फौजी पिता आरटी सिंह भी उस लड़ाई के नेता थे। राजू यादव जनसंघर्षाें की उसी विरासत को लेकर संसद में जाएंगे और कारपोरेट के हाथों देश की संपत्ति को बेचने वालों के खिलाफ वहां भी संघर्ष करेंगे।

इस मौके पर जलेस के राज्य अध्यक्ष कथाकार प्रो. नीरज सिंह ने कहा कि आज देश को बचाने की लड़ाई ही प्रमुख है। वर्तमान सांसद की कार्यशैली और विकास के दावों पर तो लगातार सवाल उठ रहे हैं, पर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि वे किस तरह की राजनीति के पक्ष में काम कर रहे हैं। यह एक राजनीतिक लड़ाई है। समाज के भाईचारा, गंगाजमुनी तहजीब को बचाने की लड़ाई है। लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की साझी संस्कृति को बचाने के लिए राजू यादव को जिताना जरूरी है।

जसम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कवि जितेंद्र कुमार ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ स्थानीय मुद्दों का चुनाव नहीं है, बल्कि संविधान और देश की रक्षा के लिए भाजपा को शिकस्त देना जरूरी है। देश की संप्रभुता, समाजवादी, लोकतांत्रिक मूल्य, धर्मनिरपेक्षता, आजादी के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए राजू यादव का संसद में पहुंचना जरूरी है।

वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र राय, जसम के राज्य सचिव कहानीकार सुरेश कांटक, राजद नेता शमीम अहमद, प्रो. दूधनाथ चौधरी, डाॅ. सुनीति प्रसाद, आल बिहार प्रोग्रेसिव एडवोकेट एसोसिएशन के अमित कुमार बंटी, युवा अध्येता आशुतोष कुमार पांडेय ने भी मौजूदा राजनैतिक-आर्थिक परिस्थिति में राजू यादव को योग्य उम्मीदवार बताते हुए उनके पक्ष में अभियान चलाने की बात कही। संचालन समकालीन जनमत के संपादक सुधीर सुमन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन दिलराज प्रीतम ने किया।

इस मौके पर ऐपवा नेता सरोज चौबे, संगीता सिंह, रंगकर्मी अजय साह, शिक्षक हरिनाथ राम, अखिलेश कुमार, अधिवक्ता आनंद वात्स्यायन, बिहार, इप्टा के सचिव अंजनी कुमार शर्मा, गोप गोट के सूर्यनारायण सिंह, एक्टू के यदुनंदन चौधरी, डाॅ. विकास कुमार, रंगकर्मी अमित मेहता, धनंजय कटकैरा, अधिवक्ता मुन्ना कुमार आदि भी मौजूद थे।

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