समकालीन जनमत

Author : समकालीन जनमत

1040 Posts - 0 Comments
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

स्त्री-पुरुष संबंध पर विमर्श का एक और आयाम

समकालीन जनमत
आलोक कुमार श्रीवास्तव   उपन्यास, साहित्य की एक प्रमुख विधा है। इसमें समय-समय पर नये-नये प्रयोग होते रहते हैं और इन प्रयोगों की विशेषताओं के...
कविता

कविताओं के अनुभवों का आयुष

समकालीन जनमत
आज शेखर जोशी जीवित रहे तो 92 साल के हुए। जीवन के अंतिम दो दशकों में उन्होंने फिर से कविताएँ लिखीं और 2012 में ‘साहित्य...
कविता

रहमान की कविताएँ प्रेम में बराबरी की पैरोकार हैं

समकालीन जनमत
मेहजबीं “मेरे जीवन में तुम सरई का फूल हो।” युवा कवि रहमान की अभिव्यक्ति के केन्द्र में प्रेम है। काव्य कला की बात करें उनकी...
कविता

रुचि बहुगुणा उनियाल की कविताओं में मानवीय रिश्तों की मिठास और गर्माहट है

समकालीन जनमत
गणेश गनी ‘बिछोह में ही लिखे जाते हैं प्रेम-पत्र’ रुचि बहुगुणा उनियाल उत्तराखंड से सम्बद्ध हिंदी कवयित्री हैं। विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखने वाली रचनाकार...
कविता

संजीव गुप्त की कविताएँ फैन्टेसी, इमेजरी और वैज्ञानिक प्रसंगों का सर्जनात्मक समुच्चय हैं।

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय साहित्य में वायवीयता होती है। कल्पना रचनात्मक साहित्य की प्रकृति है लेकिन किसी भी रचना की विश्वसनीयता के लिए यह आवश्यक है कि...
कविता

चित्रा पँवार की कविताएँ कातर स्त्री मन से बूंद-बूंद रिसती ध्वनियाँ हैं

समकालीन जनमत
अणु शक्ति सिंह मैं चित्रा पँवार की कविताएँ पढ़ रही थी। उन कविताओं को पढ़ते हुए कई बार खयाल आया कि इन कविताओं का एक...
ख़बर

भरी दुनिया में आखिर दिल को समझाने कहाँ जाएँ…

समकालीन जनमत
  इलाहाबाद, 31 जुलाई 2024 को मोहम्मद रफ़ी स्मृति आयोजन समिति द्वारा उनके पुण्यतिथि पर बाल भारती स्कूल के प्रांगण में याद-ए-रफ़ी आयोजित किया गया।...
जनमत

चुनने की आजादी जीवन का बड़ा प्रत्यय है

समकालीन जनमत
इलाहाबाद, 3 अगस्त 2024, दिन शनिवार को जन संस्कृति मंच और समकालीन जनमत द्वारा जनमत की प्रबंध सम्पादक मीना राय को याद करते हुए एक व्याख्यानमाला...
कविता

उज़्मा सरवत की कविताएँ व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं।

मेहजबीं उज़्मा सरवत की कविताएँ समकालीन समय की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक परिस्थितियों और पूंजीवादी व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं। बहुत नपे-तुले शब्दों में...
जनमत

‘महाजनी सभ्यता’ निबन्ध वर्तमान समय का आईना है

समकालीन जनमत
आज़मगढ़ में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। शहर के रैदोपुर स्थित राहुल चिल्ड्रेन एकेडमी में  ‘महाजनी सभ्यता’ और प्रेमचंद...
जनमत

रोजगार का सवाल और कम्पनी राज-दो

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  मुंबई में 28सौ करोड़ की परियोजना का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने आरबीआई और एसबीआई का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 4...
कविता

मनीष यादव की कविताएँ स्त्रियों के पक्ष में एक कवि का आर्तनाद हैं

समकालीन जनमत
आदित्य शुक्ल मनीष यादव की कविताएँ भारतीय समाज में स्त्रियों के पक्ष को खोलती हुई जादू रचती हैं। ये कविताएँ स्त्रियों के पक्ष में मुनादी...
सिनेमा

‘लापता लेडीज़’ स्त्री विमर्श पर बनी हुई एक सशक्त फ़िल्म है।

समकालीन जनमत
प्रतिमा राज ‘लापता लेडीज़’ ये फ़िल्म देखिए और दिखाइए। यह स्त्री विमर्श पर बनी हुई एक सशक्त फ़िल्म है। ये फ़िल्म लेखक बिप्ल्व गोस्वामी की...
जनमत

बजट 2024- नागरिक के जेब को काटकर कॉर्पोरेट की झोली भरने  की कवायद

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  संघ  की संस्कृति में दीक्षित भाजपा सरकार में वित्त मंत्री कर्ण प्रिय शब्दों के मकड़जाल के साथ 2024 का बजट पेश करते हुए ...
कविता

हिमांशु जमदग्नि की कविताएँ जीवन के विस्तृत आयामों को स्पर्श करती हैं।

समकालीन जनमत
देवेश पथ सारिया युवा कवि हिमांशु जमदग्नि एक गाँव से आते हैं और एक महानगर में पढ़ाई करते हैं। उनकी कविताओं का फलक कम उम्र...
जनमत

अरुन्धती राॅय: एक आवाज़ जिसे दबाना नामुमकिन है

समकालीन जनमत
जिया उस-सलाम वह अदीब जिसके नज़दीक अहम जंगें अदबी महफिलों में नहीं ज़िन्दगी के कूचों में लड़ी जाती हैं। अरुन्धती राॅय को सुनने का मतलब...
कविता

मधु सक्सेना की कविताएँ प्रतिकूलता का डटकर सामना करती हैं।

समकालीन जनमत
ख़ुदेजा ख़ान मधु सक्सेना की कविताओं का मूल स्वर भले ही स्त्री केंद्रित है तथापि इसमें सामाजिक संदर्भों की एक वृहत्तर शृंखला दिखलाई पड़ती है...
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

राज्यसत्ता के दमन-उत्पीड़न-अन्याय के बीच प्रेम की पीर का आख्यान

समकालीन जनमत
आलोक  बच्चों के लिए सबसे आरामदेह जगह होती है – माँ की गोद। कभी किसी बच्चे को उसकी माँ की गोद से जबरन अलग करने...
जनमत

नीट परीक्षा पेपर लीक- वर्चस्ववादी विचारधारा, भ्रष्टाचार और अपराध का संगम

समकालीन जनमत
जयप्रकाश नारायण  लगभग 24 लाख छात्र लंबे समय से चिकित्सक बनने की तमन्ना लिए परीक्षा की तैयारी में घर-परिवार छोड़कर कंक्रीट के जंगल नुमा शहरों...
कविता

ज्ञान प्रकाश की कविताएँ बड़े मार्मिक ढंग से हमारी सुप्त अनुभूतियों को झकझोरती हैं।

समकालीन जनमत
शालिनी सिंह एक कवि होना इतना भर तो नहीं कि उसकी रचनाएँ हर महत्वपूर्ण जगह प्रकाशित होने की लालसा से भरी हों.. न ही मानवीय...
Fearlessly expressing peoples opinion