2.3 C
New York
December 8, 2023
समकालीन जनमत

Author : समकालीन जनमत

912 Posts - 0 Comments
साहित्य-संस्कृति

सत्ता और व्यवस्था के सामने आईना की तरह होता है लेखक : सुरेश काँटक

समकालीन जनमत
‘सहयोग’ पत्रिका ने कथाकार-नाटककार सुरेश काँटक को सम्मानित किया काँट/ ब्रह्मपुर। ‘सहयोग’ पत्रिका ने 19 अक्टूबर को सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुरेश काँटक को उनके गाँव ‘काँट’...
ख़बर

 चीफ प्रॉक्टर की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर छात्रों ने छात्रसंघ पर बनाई मानव श्रृंखला

समकालीन जनमत
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन गेट पर आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक कुमार पर हुए बर्बर हमले के खिलाफ छात्रों ने एकजुट होकर मानव...
ख़बर

आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक कुमार पर हुए हमले के खिलाफ छात्रों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

समकालीन जनमत
प्रयागराज। दलित छात्र तथा आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक कुमार पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह द्वारा किए गए बर्बर हमले तथा मनीष कुमार और...
ख़बर

दस संगठनों ने दलित चिंतक दारापुरी, लेखक डॉ रामू सिद्धार्थ व दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी की निंदा की

समकालीन जनमत
लखनऊ। दस संगठनों ने गोरखपुर में दलित चिंतक एस आर दारापुरी, लेखक-पत्रकार डॉ रामू सिद्धार्थ सहित कई लोगों कि गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए सभी...
कविता

नेहल शाह की कविताएँ मन के विभिन्न संस्तरों के ट्रांस्फॉर्मेशन की पड़ताल हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय नेहल शाह की इन कविताओं का मूल स्वभाव विद्रोही है जो अंततः दरअसल कवि का ही है। वे किसी भी तरतीब के ख़िलाफ़...
जनमत

पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ नागरिक समाज ने किया प्रदर्शन

समकालीन जनमत
इलाहाबाद दिनांक 10 अक्टूबर 2023 को नागरिक समाज के द्वारा 3 अक्टूबर को पत्रकारों पर किए गए NIA के छापेमारी के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन...
कविता

अरबाज़ खान की कविताएँ प्रेम, प्रतिरोध और पीड़ा की बानगी हैं

समकालीन जनमत
पुरु मालव अरबाज़ ख़ान और उनकी कविताओं से पहला परिचय हाल ही में आए ’समय के साखी’ पत्रिका के कविता विशेषांक से हुआ। जिसका सम्पादन...
कविता

वल्लभ की कविताओं में सच का ताप है

समकालीन जनमत
जन संस्कृति मंच की ओर से 30 सितंबर 2023 को फूड इंडिया, आरा के मीटिंग हॉल में कवि वल्लभ के तीसरे कविता संग्रह ‘पोतराज’ का...
कविता

नीरज नीर की कविताएँ विडबंनात्मक बोध को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
शिरोमणि राम महतो कुछ लोग कविता बनाते हैं और कुछ लोग कविता रचते हैं। जो कविता बनाते हैं, उनकी कविताओं में बनावटीपन ज्यादा होता है...
कविता

संध्या यादव की कविताएँ समकालीन समाज की अनेक विसंगतियों से एक स्त्री की बहसें हैं

समकालीन जनमत
अमरजीत कौंके फेसबुक पर जिन कवियों की कविता मुझे बहुत पसंद है और मैं जिन्हें ढूंढ कर पढ़ता हूँ, संध्या यादव उन चंद कवियों में...
Fearlessly expressing peoples opinion

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy