समकालीन जनमत

Author : दुर्गा सिंह

45 Posts - 0 Comments
(लेखक दुर्गा सिंह आलोचक और संस्कृतिकर्मी हैं)
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और सामाजिक लोकतंत्र

निराला के निबंधों और टिप्पणियों में राजनीति और समाज को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श मिलता है। इसमें वे राष्ट्रीय मुक्ति के लिए चलने वाली राजनीति और...
जनमतपुस्तक

ज़ीरो माइल अयोध्या

अयोध्या, पिछले दिनों हुए लोकसभा के आम चुनाव के परिणाम आने के बाद, फिर से चर्चा में आ गया। पिछले सात दशकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक...
कहानीजनमतसाहित्य-संस्कृति

पंकज मित्र की कहानियाँ: पूंजी और सत्ता की थम्हायी उम्मीद के बियाबान में भटकते लोगों की दास्तान 

दुर्गा सिंह
1991 में आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के लागू होने के बाद भारतीय समाज और संस्कृति में ऐसे परिवर्तन शुरू हुए, जो सतत विकास से अलग...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और भाषा

दुर्गा सिंह
राष्ट्र निर्माण में भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। निराला भावी राष्ट्र निर्माण को लेकर अपने लेखों और टिप्पणियों में  विचार करते हैं। आजादी की...
जनमत

पंचायत-3: नये ग्रामीण यथार्थ के बीच मानवीय संवेदनाओं की जद्दोजहद रचती वेब श्रृंखला

दुर्गा सिंह
‘पंचायत’ सीजन-3, पिछले दिनों प्राइम वीडियो पर जारी हुई। यह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जारी होने वाली वेब श्रृंखला है। यह ओटीटी पर जारी होने वाली...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और गांधी

दुर्गा सिंह
निराला राष्ट्रीय आंदोलन से गहरे सम्बद्ध थे। वे ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की नीतियों पर टिप्पणी, आलोचना तो करते ही थे, साथ ही राष्ट्रीय आंदोलन के...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

जमींदारी उन्मूलन, भूमि-सुधार और मार्कण्डेय की कहानियाँ

दुर्गा सिंह
 (हिन्दी कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर मार्कण्डेय के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के पाठकों के लिए प्रस्तुत है दुर्गा सिंह का लेख) मार्कण्डेय की कहानी ‘भूदान’...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और नेहरू

दुर्गा सिंह
निराला कवि और लेखक होने के साथ चिंतक भी हैं। निराला का वैचारिक लेखन भी उसी मात्रा में है, जितना कविता और गद्य लेखन। निराला...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

परिवर्तन के कहानीकार हैं मार्कण्डेय

दुर्गा सिंह
आज़मगढ़ विगत 18 मार्च 2024 को आज़मगढ़ के शिब्ली मंजिल सभागार में मार्कंडेय स्मृति  संवाद का आयोजन किया गया।  इस संवाद गोष्ठी का विषय ‘मार्कंडेय...
साहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखनः राष्ट्र निर्माण का सवाल और जाति-वर्ण

दुर्गा सिंह
निराला के जन्मदिन(बसंत पंचमी)  के अवसर पर प्रस्तुत लेख निराला के लेखन में राष्ट्र निर्माण, स्वाधीनता, धर्म, भाषा व जाति-वर्ण आदि को  रचनात्मक ढंग से...
साहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखनः राष्ट्र निर्माण और हिंदू-मुस्लिम एकता का सवाल

दुर्गा सिंह
निराला ने रचनात्मक साहित्य के साथ साहित्यिक पत्रकारिता भी की है। अपने समय में प्रेमचंद के अलावा निराला ही थे, जो रचनात्मक साहित्य और साहित्यिक...
साहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण और स्त्री प्रश्न

दुर्गा सिंह
निराला के वैचारिक लेखन की मूल अंतर्वस्तु भी उनके बाकी के साहित्य के क्रम में है। स्वाधीनता, हिंदी जाति का उत्थान और राष्ट्र निर्माण की...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

आम किसान की पक्षधरता के कहानीकार हैं मार्कण्डेय

दुर्गा सिंह
(हिन्दी के प्रसिद्ध कहानीकार मार्कण्डेय के जन्मदिन, 2 मई पर विशेष) आज जबकि गांव और किसान दोनों पूंजी और बाजारवादी प्रसार के बीच बेतरह पीछे...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

हिंदी जातीयता के निर्माण का सवाल और निराला

दुर्गा सिंह
निराला बंगाली जातीयता से प्रभावित थे। ब्रह्म समाज, रामकृष्ण परमहंस, देवेन्द्र नाथ टैगोर, रवीन्द्र नाथ  टैगोर, विवेकानंद  के अलावा बंगाल के इस जागरण में जितने...
पुस्तक

तरक़्क़ीपसंद तहरीक की रहगुज़र

दुर्गा सिंह
भारत में प्रगतिशील धारा प्रारंभ से ही मौजूद रही है। यह कोई हाशिये की धारा न होकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति के निर्माण में प्रमुख...
कहानीजनमतसाहित्य-संस्कृति

निराला, आजादी का आन्दोलन और कला की रूप-रेखा

निराला आजादी के लिए चल रहे संघर्ष और आन्दोलन के दौर के प्रखर सांस्कृतिक योद्धा हैं। कविता, कहानी, उपन्यास, निबन्ध आदि विधाओं में उनके लेखन...
जनमतसाहित्य-संस्कृतिसिने दुनिया

पूंजी और सत्ता द्वारा रचित ताकत, दम्भ तथा मानवीय भावों, सद्गुणों  के बीच तनाव व संघर्ष की श्रृंखला है ‘पंचायत-2’

दुर्गा सिंह
‘पंचायत’ अमेजन प्राइम वीडियो पर प्रदर्शित वेब श्रृंखला है। इसका दूसरा सीजन अभी जारी हुआ है। यह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सर्वाधिक पसंद की जाने वाली...
कहानीजनमतसाहित्य-संस्कृति

देवी: साधारणता में देवत्व का दर्शन तथा नये रचनात्मक मूल्य का संघर्ष

दुर्गा सिंह
‘देवी’ निराला की बहु प्रशंसित कहानी है। यह प्रशंसा इस कहानी की संवेदना को लेकर अधिक है। कोई भी रचना बड़ी तो प्रथमतः अपनी संवेदना...
कहानीजनमतसाहित्य-संस्कृति

सुकुल की बीवी: व्यक्तित्वांतरण, प्रेम और स्त्री-पुरुष सम्बन्ध की नयी व्यावहारिकता

दुर्गा सिंह
‘सुकुल की बीवी’ निराला की चर्चित कहानी है। यह लखनऊ से प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘सुधा’ में 1937 ईस्वी में छपी। इसी नाम से निराला...
कहानी

श्रीमती गजानंद शास्त्रिणी: पितृसत्ता, जमींदारी और स्त्री

दुर्गा सिंह
निराला ने समाज में स्त्रियों की स्थिति पर कई कहानियाँ लिखी हैं। सभी स्त्रियाँ विचार और चेतना तथा सामाजिक रुप से एक ही स्तर पर...
Fearlessly expressing peoples opinion