समकालीन जनमत

Month : August 2024

ख़बर

योगी सरकार में पत्रकारों का बढ़ता उत्पीड़न, दलित पत्रकार को हिरासत में लेकर यातना दी

समकालीन जनमत
स्वतंत्र पत्रकार सत्य प्रकाश भारती ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और प्रशासनिक सुधार और लोक शिक़ायत विभाग को ईमेल भेजकर आईपीएस अधिकारी समेत थाने की पुलिस...
कविता

संजीव गुप्त की कविताएँ फैन्टेसी, इमेजरी और वैज्ञानिक प्रसंगों का सर्जनात्मक समुच्चय हैं।

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय साहित्य में वायवीयता होती है। कल्पना रचनात्मक साहित्य की प्रकृति है लेकिन किसी भी रचना की विश्वसनीयता के लिए यह आवश्यक है कि...
पुस्तक

कला में प्रतिरोध

गोपाल प्रधान
  2023 में लेफ़्टवर्ड से ब्रह्म प्रकाश की किताब ‘ बाडी आन द बैरीकेड्स: लाइफ़, आर्ट ऐंड रेजिस्टेन्स इन कनटेम्पोरेरी इंडिया ’ का प्रकाशन हुआ।...
कविता

चित्रा पँवार की कविताएँ कातर स्त्री मन से बूंद-बूंद रिसती ध्वनियाँ हैं

समकालीन जनमत
अणु शक्ति सिंह मैं चित्रा पँवार की कविताएँ पढ़ रही थी। उन कविताओं को पढ़ते हुए कई बार खयाल आया कि इन कविताओं का एक...
साहित्य-संस्कृति

 जुमई खां ‘आजाद’ की कविताओं में है वर्ग चेतना की विश्वसनीय और धारदार अभिव्यक्ति 

समकालीन जनमत
गिरिडीह। जन संस्कृति मंच, गिरिडीह और ‘ परिवर्तन ‘ पत्रिका के साझे प्रयत्न से गिरिडीह कॉलेज, गिरिडीह के न्यू बिल्डिंग में अवधी भाषा के प्रगतिशील कवि...
ख़बर

भरी दुनिया में आखिर दिल को समझाने कहाँ जाएँ…

समकालीन जनमत
  इलाहाबाद, 31 जुलाई 2024 को मोहम्मद रफ़ी स्मृति आयोजन समिति द्वारा उनके पुण्यतिथि पर बाल भारती स्कूल के प्रांगण में याद-ए-रफ़ी आयोजित किया गया।...
जनमत

चुनने की आजादी जीवन का बड़ा प्रत्यय है

समकालीन जनमत
इलाहाबाद, 3 अगस्त 2024, दिन शनिवार को जन संस्कृति मंच और समकालीन जनमत द्वारा जनमत की प्रबंध सम्पादक मीना राय को याद करते हुए एक व्याख्यानमाला...
ग्राउन्ड रिपोर्ट

कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना : सरकारी दावे और हकीकत

समकालीन जनमत
महेंद्र यादव / राहुल यादुका  23 जुलाई 2024 को लोक सभा चुनाव के बाद संसद के बजट सत्र में केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त...
साहित्य-संस्कृति

‘ प्रेमचंद का लेखन विषमता, साम्प्रदायिकता, तानाशाही, अंधराष्ट्रवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की प्रेरणा देता है ’

समकालीन जनमत
बलिया। जन संस्कृति मंच की बलिया इकाई ने 11 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी हॉल में ‘ प्रेमचंद और आज का समय ’ विषय पर...
कविता

उज़्मा सरवत की कविताएँ व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं।

मेहजबीं उज़्मा सरवत की कविताएँ समकालीन समय की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक परिस्थितियों और पूंजीवादी व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं। बहुत नपे-तुले शब्दों में...
ख़बर

सफाई मजदूर एकता मंच ने मनमोहन पार्क से श्रम आयुक्त कार्यालय तक जुलूस निकाला

प्रयागराज। समान काम के लिए समान वेतन, सातवें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतनमान, सभी कर्मचारियों को परमानेंट करने, नगर निगम कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और भाषा

दुर्गा सिंह
राष्ट्र निर्माण में भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। निराला भावी राष्ट्र निर्माण को लेकर अपने लेखों और टिप्पणियों में  विचार करते हैं। आजादी की...
जनमत

‘महाजनी सभ्यता’ निबन्ध वर्तमान समय का आईना है

समकालीन जनमत
आज़मगढ़ में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। शहर के रैदोपुर स्थित राहुल चिल्ड्रेन एकेडमी में  ‘महाजनी सभ्यता’ और प्रेमचंद...
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