जनमतसाहित्य-संस्कृति आक्रोश और साहित्य: बजरंग बिहारी तिवारीसमकालीन जनमतSeptember 9, 2018September 9, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 9, 2018September 9, 201802017 आक्रोश पुराना शब्द है| पाणिनि के यहाँ (अष्टाध्यायी, 6.3.21) इसका प्रयोग मिलता है- ‘षष्ठया आक्रोशे’| इसका आशय है कि यदि भर्त्सना का भाव हो तो...
कविता ‘ वह आग मार्क्स के सीने में जो हुई रौशन, वह आग सीन-ए-इन्साँ में आफ़ताब है आज ’उमा रागSeptember 9, 2018September 9, 2018 by उमा रागSeptember 9, 2018September 9, 201803613 जटिल दार्शनिक-आर्थिक तर्क-वितर्क के संसार में रहने के बावजूद मार्क्स ने कई कविताएँ लिखीं और उन पर भी बहुत सी कविताएँ लिखी गयीं, जिनमें से...
कहानीसाहित्य-संस्कृति अशोक भौमिक के ‘जीवनपुर हाट जंक्शन’ में अंतर्बाह्य के बीच कोई दीवार नहीं-योगेंद्र आहूजासमकालीन जनमतSeptember 9, 2018September 9, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 9, 2018September 9, 201803309 योगेंद्र आहूजा संजय जी का आदेश था कि मैं अशोक जी की कहानियों पर एक आधार वक्तव्य या आधार आलेख तैयार करूं । लेकिन यह...
जनमत बेहतर दुनिया का ख्वाब देखने और उसके लिए संघर्ष करने वाली राजनीति की लाल पताका उठा रहा है युवाइन्द्रेश मैखुरीSeptember 9, 2018September 9, 2018 by इन्द्रेश मैखुरीSeptember 9, 2018September 9, 20189 2442 वामपंथी छात्र संगठन हाथ से बनाए गए कलात्मक पोस्टरों के सहारे चुनाव लड़ रहे थे. भाषण,जनगीत,नुक्कड़ नाटक ही उनकी ताकत थे और पूंजी के नाम...
जनमतपुस्तक जीवनपुर हाट जंक्शन : कहानी की शक्ल में संस्मरण और संस्मरण की शक्ल में कहानीराम नरेश रामSeptember 9, 2018September 9, 2018 by राम नरेश रामSeptember 9, 2018September 9, 201804084 दो सितम्बर को नोएडा में प्रसिद्ध चित्रकार अशोक भौमिक के स्मृति संग्रह ‘ जीवनपुर हाट जंक्शन ’ पर घरेलू गोष्ठी में एक परिचर्चा आयोजित की...