साहित्य-संस्कृति मीर, ग़ालिब, नज़ीर के बग़ैर भारतीय साहित्य की संकल्पना पूरी नहीं -असद ज़ैदीसमकालीन जनमतDecember 30, 2018December 30, 2018 by समकालीन जनमतDecember 30, 2018December 30, 201802683 आगरा. दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के कला संकाय की ओर से आयोजित ‘गालिब जयंती’ समारोह के मुख्य अतिथि के बतौर बोलते हुए प्रसिद्ध कवि असद ज़ैदी...
कविताशख्सियत यातना का प्रतिकार प्रेमसमकालीन जनमतMay 16, 2018May 16, 2018 by समकालीन जनमतMay 16, 2018May 16, 201804189 मंगलेश की कविता ने प्रेम को बराबर एक सर्वोच्च मूल्य के तौर पर प्रतिष्ठित किया है । लेकिन एकान्त में नहीं, यातना के बरअक्स; क्योंकि...