Sunday, October 1, 2023
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मीर, ग़ालिब, नज़ीर के बग़ैर भारतीय साहित्य की संकल्पना पूरी नहीं -असद ज़ैदी

आगरा. दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के कला संकाय की ओर से आयोजित ‘गालिब जयंती’ समारोह के मुख्य अतिथि के बतौर बोलते हुए प्रसिद्ध कवि असद ज़ैदी ने कहा ग़ालिब का होना इस बात का सुबूत है कि बुरे हालात में कवि हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ जाता.

उन्होंने कहा कि हिंदी कविता की पूरी परम्परा में मीर, गालिब, नजीर इस तरह बसे हुए हैं कि उनके बगैर भारतीय साहित्य की संकल्पना पूरी नहीं होती. दुर्भाग्य से हिंदी कविता के अंधकार युग के समय मौजूद इन रचनाकारों की उपस्थिति का जिक्र हिंदी साहित्य के इतिहास में नहीं होता.

ग़ालिब को लेकर कई तरह की अफवाह भी अकादमिक हलकों में जानबूझकर फैलाई गई है. उसमें एकसे एक है कि वे काफी समृद्ध घराने से आते हैं इसीलए आम जीवन के संघर्ष वहाँ नहीं दिखते.

ग़ालिब के जीवन काल में उनकी वर्गीय श्रेष्ठता खत्म हो चुकी थी. गालिब एक अनाथ बालक थे. वे एक ऐसे परिवार में पले थे जो कभी सम्पन्न रहा होगा पर खुद गालिब का जीवन गर्वीली गरीबी में जीने वाले समाज का हिस्सा था.

गोष्ठी की अध्यक्षता बस्ती से आए प्रख्यात कवि अष्टभुजा शुक्ला ने किया. उन्होंने गंगा जमुनी तहजीब के शायर के बतौर गालिब के महत्त्व को रेखांकित किया। कहा कि सतह पर गंगा-जमुना के जल को मिलते हुए तो देखा जा सकता है पर अंदर ही अंदर कितना पानी एक दूसरे में दोनों का मिला है उसकी कल्पना नहीं कि जा सकती.

आज शुद्धतावाद की ओर देश को जानबूझकर धकेला जा रहा है लेकिन देश की सांस्कृतिक विरासत से न ताज को बेदखल किया जा सकता है न गालिब को. ग़ालिब आदमी को भी इंसान बनाने की ज़िद के शायर है. वे हमारी चेतना का हिस्सा है.

दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कवि सम्मेलन की शुरुआत इलाहाबाद के मशहूर शायर एहतेराम इस्लाम के रचना पाठ से हुई. अपनी ग़ज़लों और नज़्मों के प्रवाह में वे देर तक स्रोताओं को गोता लगवाते रहे.

उन्होंने पढ़ा कि- उसका भाषण था कि मक़्क़री का जादू एहतेराम/मैं कमीना था कि बुज़दिल मुग्ध स्रोताओं में था. असद ज़ैदी ने सामान की तलाश, आसिफा की याद में आदि कविताएं पढ़ी।

अष्टभुजा शुक्ला ने मां, गणित के कुछ सवाल और पद-कुपद संग्रह से कविताएं पढ़ी. राजवीर और अमीर अहमद जाफरी ने रचना पाठ किया.

स्वागत प्रेम शंकर ने और धन्यवाद शर्मिला सक्सेना ने किया. संचालन डॉ नमस्या ने किया. इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुक्त आर के पाल, अरुण, परवेज अहमद, सुमन शर्मा, दयाल प्यारी सिन्हा, पूजा यादव, अरविंद सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

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