कविता कोरोना काल में कविता : ‘ रिसते दिखे पाँवों से खून, इस पर क्या लिखूं / दिखे आंखों से बहते खून…..समकालीन जनमतApril 20, 2020April 20, 2020 by समकालीन जनमतApril 20, 2020April 20, 202002826 कविता अपने समय को रचती है और समय भी अपने कवि को बनाता है। कोरोना काल मानव जाति के लिए बड़ा संकट का काल है।...
कविता कोरोना काल में कविता : ‘ प्रेम संवाद की भाषा बन जाए ’समकालीन जनमतApril 13, 2020April 25, 2020 by समकालीन जनमतApril 13, 2020April 25, 202002718 यह कोरोना काल है। पूरी दुनिया इस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रही है। लाॅक डाउन चल रहा है। लोग घरों में हैं। सामाजिक व...
ख़बर पटना में चौथा गोरख पांडेय स्मृति आयोजन : गोरख के गीतों-कविताओं का पाठ और गायनसमकालीन जनमतJanuary 30, 2020January 26, 2024 by समकालीन जनमतJanuary 30, 2020January 26, 202403289 मुल्क को फासीवादी शक्तियों से बचाना जरूरी: प्रेम कुमार मणि पटना. ‘‘ कोई भी देश वहां के लोगों से बनता है। आजादी के आंदोलन के...