जनमत ठन्डे उत्तरों के पीछे खौलते सवालों की कवितासमकालीन जनमतFebruary 9, 2025February 10, 2025 by समकालीन जनमतFebruary 9, 2025February 10, 20250463 मनीष आज़ाद मौमिता आलम की ही समकालीन कवि और दलित एक्टिविस्ट मीना कंडासामी कविता के बारे में कहती हैं कि यह वह जगह है, जहाँ...
कविता मौमिता की झकझोरती कविताएँ : सीधी, गहरी और सवाल करती हैंसमकालीन जनमतOctober 22, 2023October 22, 2023 by समकालीन जनमतOctober 22, 2023October 22, 20230207 अमिता शीरीं ‘इस वक्त जब दुनिया लहूलुहान है ऐसे में चाँद की खूबसूरती पर कवितायें लिखना गुनाह है….’ मौमिता आलम पूरी ज़िम्मेदारी से कविताएँ लिखती...