समकालीन जनमत

Tag : Mehzabin

कविता

रहमान की कविताएँ प्रेम में बराबरी की पैरोकार हैं

समकालीन जनमत
मेहजबीं “मेरे जीवन में तुम सरई का फूल हो।” युवा कवि रहमान की अभिव्यक्ति के केन्द्र में प्रेम है। काव्य कला की बात करें उनकी...
कविता

उज़्मा सरवत की कविताएँ व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं।

मेहजबीं उज़्मा सरवत की कविताएँ समकालीन समय की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक परिस्थितियों और पूंजीवादी व्यवस्था द्वारा निर्मित यथार्थ का आईना हैं। बहुत नपे-तुले शब्दों में...
कविता

ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ सिस्टम की मार सहते नागरिक की आवाज़ हैं

उमा राग
मेहजबीं ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ अपने वर्तमान समय का दस्तावेज़ हैं। उनकी कविता के केन्द्र में आम लोग हैं, मतदाता हैं, बूढ़े हैं, बच्चे हैं,...
कविता

मरहूम कवयित्री शहनाज़ इमरानी की कविताएँ उम्मीद का हाथ थामे रास्ता दिखाएंगी

समकालीन जनमत
मेहजबीं मरहूम कवयित्री शहनाज़ इमरानी की कविताएँ अपने वर्तमान समय की राजनीतिक सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों का दस्तावेज़ हैं। समाज का कोई कोना उनकी सूक्ष्म दृष्टि...
कविता

मेहजबीं की कविताएँ अपने समय की अंतहीन बेचैनी का बयान हैं

समकालीन जनमत
संजय कुमार कुंदन मेहजबीं की कविताएँ और नज़्में बातें करती हैं, दुनिया-जहान की बातें. कविताएँ और नज़्में बस हिन्दी और उर्दू के शब्दों की उल्लेखनीय...
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