साहित्य-संस्कृति नागार्जुन की आलोचनागोपाल प्रधानJune 30, 2021July 1, 2021 by गोपाल प्रधानJune 30, 2021July 1, 202101318 नागार्जुन कवि थे, उपन्यासकार थे। थोड़ा ध्यान देकर देखें तो अनुवादक भी थे। लेकिन आलोचक ? और वह भी तब जब खुद उन्होंने आलोचक के...
ज़ेर-ए-बहस ‘हम देखेंगे’: सृजन एवं विचार के हक़ मेंसमकालीन जनमतMarch 1, 2020 by समकालीन जनमतMarch 1, 20205 2905 लेखकों एवं कलाकारों का कन्वेन्शन 1 मार्च 2020, जंतर मंतर, दिल्ली सुभाष गाताडे दिल की बीरानी का क्या मज़कूर है यह नगर सौ मर्तबा लूटा...
ख़बरसाहित्य-संस्कृति डॉ प्रभा दीक्षित की तीन किताबों का कानपुर में लोकार्पणसमकालीन जनमतDecember 18, 2019December 18, 2019 by समकालीन जनमतDecember 18, 2019December 18, 201903434 डाॅ प्रभा की ग़ज़लें एहसास और यकीन की – कौशल किशोर आम आदमी के संघर्ष को वाणी – कमल किशोर श्रमिक कानपुर। साहित्यकार डॉ प्रभा...