कविता किसने आखिर ऐसा समाज रच डाला हैसुधीर सुमनAugust 10, 2021August 11, 2021 by सुधीर सुमनAugust 10, 2021August 11, 20210748 सुधीर सुमन “नहीं निकली नदी कोई पिछले चार-पाँच सौ साल से/ एकाध ज्वालामुखी ज़रूर फूटते दिखाई दे जाते हैं/ कभी कभार/ बाढ़ें तो आईं ख़ैर...
कविता धूमिल की ‘नक्सलबाड़ी’गोपाल प्रधानMarch 30, 2021March 30, 2021 by गोपाल प्रधानMarch 30, 2021March 30, 202105022 धूमिल की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में कुल चार पृष्ठों में प्रकाशित है । संग्रह से पहले 1967 में...
ख़बर संसद में मजदूर विरोधी श्रम कोड पेश करने के ख़िलाफ़ देश भर में ऐक्टू द्वारा विरोध प्रदर्शनअभिषेक कुमारSeptember 17, 2020September 17, 2020 by अभिषेक कुमारSeptember 17, 2020September 17, 202001855 ऐक्टू ने श्रम मंत्रालय के सामने संसद सत्र में पेश होनेवाले श्रम संहिता विधेयकों की प्रतियाँ जलायी नई दिल्ली, 16 सितंबर, 2020 :...