पुस्तक सरकार का अपने ही नागरिकों से युद्धगोपाल प्रधानSeptember 5, 2021September 6, 2021 by गोपाल प्रधानSeptember 5, 2021September 6, 20210454 लेख के शीर्षक से भ्रम सम्भव है कि यह किताब नागरिकता संबंधी कानूनों के बारे में है लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश की सरकार लम्बे...
जनमत ऐतिहासिक भौतिकवाद क्या है ?: प्रो. गोपाल प्रधानगोपाल प्रधानJuly 4, 2020July 5, 2020 by गोपाल प्रधानJuly 4, 2020July 5, 202003545 सोवियत संघ के पतन के बाद वैश्वीकरणकरण ही एकमात्र सच नहीं है। पूंजी के हमलावर होने के साथ उसके प्रतिरोधों का सिलसिला चल पड़ा। इस...
ज़ेर-ए-बहसशख्सियत वंचितों और पराधीन लोगों की ओर से बोलने वाले पहले दार्शनिक थे बुद्ध– प्रो. गोपाल प्रधानसमकालीन जनमतDecember 9, 2019 by समकालीन जनमतDecember 9, 201902447 ” जिसे बौद्ध दर्शन का दुःखवाद कहा जाता है उसे अगर सामान्य जीवन के अर्थों में परिभाषित करें तो क्या परिभाषा निकलती है कि दुःख...
ज़ेर-ए-बहस मार्क्सवाद की नवीनता: गोपाल प्रधानगोपाल प्रधानOctober 25, 2019October 25, 2019 by गोपाल प्रधानOctober 25, 2019October 25, 201901450 (जयपुर में जलेस की ओर से आयोजित कार्यशाला में बोलना साहित्य और विचारधारा पर था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मार्क्सवाद पर जारी काम के...
जनमतशख्सियतस्मृति प्रेमचंद के स्त्री पात्र: प्रो.गोपाल प्रधानगोपाल प्रधानJuly 31, 2019July 31, 2019 by गोपाल प्रधानJuly 31, 2019July 31, 201904297 प्रेमचंद का साहित्य प्रासंगिक होने के साथ साथ ज़ेरे बहस भी रहा है । दलित साहित्य के लेखकों ने उनके साहित्य को सहानुभूति का साहित्य...