शख्सियत प्रेमचंद और हिंदुस्तानी सिनेमा : जवरीमल्ल पारखसमकालीन जनमतJuly 31, 2020July 31, 2020 by समकालीन जनमतJuly 31, 2020July 31, 202002864 (31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर समकालीन जनमत...
साहित्य-संस्कृति किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘गोदान’गोपाल प्रधानJuly 25, 2019December 9, 2019 by गोपाल प्रधानJuly 25, 2019December 9, 201913548 सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की...
जनमत किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘ गोदान ‘गोपाल प्रधानJuly 31, 2018July 31, 2018 by गोपाल प्रधानJuly 31, 2018July 31, 201802986 प्रेमचंद ने गोदान में उपनिवेशवादी नीतियों से बरबाद होते भारतीय किसानी जीवन और इसके लिए जिम्मेदार ताकतों की जो पहचान आज के 75 साल पहले...
जनमतस्मृति प्रेमचंद और अक्तूबर क्रांतिप्रेमशंकर सिंहJuly 31, 2018July 31, 2018 by प्रेमशंकर सिंहJuly 31, 2018July 31, 201803643 साम्राज्यवाद-उपनिवेशवाद विरोधी रवैये का एक निरंतरता में अनुपालन जितना प्रेमचंद के यहाँ दीखता है, वैसा हिंदी के किसी और लेखक में नहीं. असंख्य मजदूर, किसान,...