कविताजनमत अपूर्णता से उपजे तनाव की कवयित्री हैं ज्योति शोभासमकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 202004398 आशीष मिश्र छुपने के लिए साँस भर जगह.. ज्योति शोभा की कविताओं में उतरने के लिए धैर्य अपेक्षित है। थोड़ी सी भी हड़बड़ी इसके सौंदर्य...
कविता चंदन सिंह की कविताएँ अपने प्राथमिक कार्यभार की ओर लौटती कविताएँ हैंसमकालीन जनमतMarch 31, 2019April 1, 2019 by समकालीन जनमतMarch 31, 2019April 1, 201912736 आशीष मिश्र चन्दन सिंह कविता से प्राथमिक काम लेने वाले कवि हैं। इस दौर में जब कविता के मत्थे ही सारी जिम्मेदारियाँ थोपी जा रही...
कविता प्रतिरोध को बयां करती है कवि कौशल किशोर की “नयी शुरुआत”समकालीन जनमतDecember 2, 2018December 4, 2018 by समकालीन जनमतDecember 2, 2018December 4, 201813748 आशीष मिश्र जब हम जवानी के दौर में परवाज़ भर रहे होते हैं तो उस वक्त देश और समाज को लेकर उसके भीतर मौजूद तमाम हलचलों...