स्मृति शक़ील अहमद ख़ान: होठों पर हँसी, आँखों में प्यार बसा था जिसके…फ़िरोज़ ख़ानMay 26, 2021May 26, 2021 by फ़िरोज़ ख़ानMay 26, 2021May 26, 202104934 शक़ील अहमद ख़ान को सुपुर्द-ए-आग कर दिया गया। जी हाँ, ठीक सुना- सुपुर्द-ए-ख़ाक नहीं। लखनऊ के इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में उनकी करीब 30...
शख्सियतसिनेमा जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है !समकालीन जनमतJune 19, 2018 by समकालीन जनमतJune 19, 20184 2830 इस ख़त की कोई भूमिका नहीं हो सकती। इरफ़ान, जिनके सिरहाने की एक तरफ़ ज़िंदगी है और दूसरी तरफ़ अंधेरा, ने आत्मा की स्याही से...