ज़ेर-ए-बहस चंदे का धंधा उर्फ हफ्ता-वसूलीसमकालीन जनमतApril 8, 2024April 8, 2024 by समकालीन जनमतApril 8, 2024April 8, 2024077 हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। हांलाकि यह कोई अलग से कहने की बात नहीं है परंतु अब वह दौर आ गया है जब...
जनमतव्यंग्य सब घाल-मेल है भाईविरूपNovember 27, 2019November 27, 2019 by विरूपNovember 27, 2019November 27, 201903104 जेएनयू का मसला चल ही रहा था कि हुक्मरानों की मेहरबानी से न्यायालय, संविधान, न्यायमूर्ति, राष्ट्रपति, राज्यपाल जैसे जुमले हवा में तैरने लगे हैं. पूरा...