समकालीन जनमत
जनमत

आशाओं के धरना-प्रदर्शन में गूँजा नारा- भीख नही सम्मान चाहिए, आशाओं को 21 हज़ार वेतनमान चाहिए

इलाहाबाद। आज प्रयागराज ज़िले के विभिन्न सीएचसी/ पीएचसी/स्वास्थ्य उपकेंद्र की आशाओं ने उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन सम्बद्ध ऐक्टू द्वारा राज्यव्यापी आह्वान पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से धरना- प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के दिया। आशाओं ने राज्य कर्मचारी का दर्जा देने और 21 हजार रुपया न्यूनतम मानदेय दिए जाने की मांग की।

धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए आशाओं ने कहा कि हम आशाओ ने कोरोना वैरीयर्स के रूप में कोविड जैसी वैश्विक महामारी के समय अपने जान की परवाह किए बगैर देश हित में, समाज हित में काम किया। कोरोना संकट में काम करते हुए हमारी कई आशा बहनो की जान चली गई। सरकार को हमारी मेहनत और शहादत को देखते हुए हमारी समस्याओं पर गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुए, हमें राज्य कर्मचारी का दर्जा देना चाहिए, हमारा न्यूनतम मानदेय 21हजार करना चाहिए, लेकिन सरकार हमारे मानदेय को जितना बढ़ाया नही उससे कई गुना ज्यादा धन उसके झूठे प्रचार प्रसार में ख़र्च कर रही है, जो पूरी तरह से ग़लत है। सरकार ने अमोक्रिन वेरियंट यानी कोरोना की तीसरी लहर के नाम पर नाइट कर्फ़्यू शुरू कर दिया है, यदि कोई अनहोनी की स्थिति बनेगी तो हमी आशाएं पुनः अपना जीवन दाव पर लगा कर काम करेगी।

धरने में मुख्य अतिथि रहे इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड मनोज पाण्डेय ने आशाओं की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना संकट में कोरोना वॉरियर्स के रूप में जिस तरह आशाओं ने शहादत दिया है, ठीक उसी हमारे रेलवे के भी 2600 रेलवे कर्मचारियों ने शहादत दिया है, लेकिन रेलवे कर्मचारियों को तमाम जद्दोजहद के बाद सरकार ने कुछ मुआवजा दिया है, लेकिन आशा बहनों को तो उस तरह से मुआवजा नही दिया गया है, जो सरासर गलत है। हमारी यानी जनता की सवारी भारतीय रेलवे की बिक्री की जा रही है जिसके खिलाफ हम लगातार संघर्ष कर रहे है।  आज हम आपके धरने में है, कल को आपको हमारे साथ आना होगा। मिलजुलकर संघर्ष करते हुए ही श्रमिकों की लड़ाई को जीता जा सकता है।

धरना-प्रदर्शन को मुख्य रूप से ऐक्टू जिला अध्यक्ष एस सी बहादुर, कल्पना पटेल, बसंती मौर्या, रीता देवी, मंजू देवी, बबिता सिंह, विनोरामा, रेखा सिंह, सीता देवी, सरोज कुशवाहा, मीना सिंह, सुनीता पांडेय, शशि पांडेय, फूला देवी, पुष्पा यादव, उर्मिला देवी, रेनू, फ़ातमी, सरिता देवी, मीणा पाल, गीता सिंह, मिथिलेश पटेल, शकुंतला, रेखा, रंजू पटेल इत्यादि के साथ ही आइसा से विवेक सुल्तानवी, मनीष कुमार, सीमांत, हाइकोर्ट अधिवक्ता चंद्र पाल, माता प्रसाद, इंटक जिला अध्यक्ष देवेन्द्र प्रताप सिंह, इफ्फो मजदूर नेता देवनन्द, त्रिलोकी पटेल, सुभाष चंद्र मौर्य, ओम प्रकाश, अनुपम, खेग्रामस से पंचम लाल, सफ़ाई मजदूर एकता मंच से राम सिया, इनौस से प्रदीप ओबामा ने समर्थन दिया।

प्रयागराज एसीएम प्रथम को 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा गया, जिनमें मुख्य रूप से आशाओं को राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी का दर्जा देना, आशाओं को न्यूनतम 21 हजार वेतनमान देना, आशाओं का 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वस्थ्य बीमा करना, शाहजहांपुर की आशा पूनम पांडेय सहित अन्य आशाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई है।

कार्यक्रम के अंत में फ़ुलपुर की आशा पुष्पा देवी व कविता के पति और रेनू बाला की माँ की कोरोना से हुई मौत सहित देश भर में कोरोना से हुई आशाओं एवं उनके परिजनों की मौत पर दो मिनट का मौन रख़ते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

धरने की अध्यक्षता पुष्पा देवी ने और संचालन ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने किया। ऐक्टू जिला अध्यक्ष एस सी बहादुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Related posts

Fearlessly expressing peoples opinion