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भाजपा और सामंती ताकतों की साजिश के शिकार हुए माले विधायक मनोज मंजिल- दीपंकर भट्टाचार्य

पटना। भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में दलित-गरीबों के कई जनसंहार हुए हैं. 60-60 लोगों की हत्या हुई है, लेकिन आज तक किसी एक अपराधी को भी सजा नहीं मिली. दूसरी ओर एक कथित हत्या के मामले में, जिसकी पुष्टि भी नहीं हुई है, उस मामले में हमारे युवा नेता व विधायक मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है. भोजपुर में लंबे समय से भाजपा और सामंती ताकतें हमारे नेताओं को जेल भेजकर या जनसंहार रचाकर गरीबों के आंदोलन को रोक देने की कोशिशें करती रही हैं. इसी कोशिश में यह अन्याय हुआ है. बिहार इसका मुकम्मल जवाब देगा.

पटना में संवाददाता सम्मेलन उन्होंने कहा कि इस अन्याय का नया संदर्भ भी है. आज मोदी सरकार विरोध की हर आवाज को कुचल देने पर आमदा है. संसद से थोक भाव में विपक्ष के सांसदों का निलंबन हो जाता है. राहुल गांधी को संसद से बाहर करने की साजिश रची जाती है. हेमंत सोरेन को निशाने पर लिया जाता है. विपक्ष की हर पार्टी व हर धारा पर हमला हो रहा है. तिकड़म के आधार पर नीतीश कुमार ने बहुमत हासिल कर ली. राजद के तीन विधायकों को तोड़ा और भाजपा-जदयू के लोग आज अपने विधायकों को भी प्रताड़ित कर रहे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में हमारे नेताओं पर भी हमला हुआ है. यह किसी एक पार्टी नहीं बल्कि लोकतंत्र व दलित-गरीबों की दावेदारी व सम्मान पर हमला है.

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज के दौर में देश को मनोज मंजिल जैसे नेताओं की जरूरत है. उन्होंने अपने छात्र जीवन से लगातार एक के बाद आंदोलनों का नेतृत्व किया. शिक्षा के सवाल पर सड़क पर स्कूल आंदोलन चलाया. सीएए कानून में संशोधन के खिलाफ लड़ाई लड़ी. किसानों व खेत मजदूरों के आंदोलनों का नेतृत्व कर रहे थे. एक ऐसे नौजवान दलित विधायक से भाजपा को डर है. वह संसद में या विधानसभा में इस तरह की आवाज नहीं चाहती. इस अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ आज पूरे राज्य में विरोध हुआ है. भोजुपर में विरोध सप्ताह रखा गया है. हम हाइकोर्ट जाएंगे और सबसे बढ़कर जनता की अदालत है. इतने बड़े अन्याय का जनता जवाब देगी.

संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर फसलों के न्यूनतम (फसल एमएसपी) समर्थन मूल्य, श्रमिकों के लिए 26,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम मजदूरी, चार श्रम संहिताओं व आईपीसी/सीआरपीसी में किए गए संशोधनों को निरस्त करने, मौलिक अधिकार के रूप में रोजगार की गारंटी देने आदि मांगों के साथ आगामी 16 फरवरी को हो रही औद्योगिक/सेक्टेरियल हड़ताल व ग्रामीण भारत बंद का भाकपा-माले सक्रिय समर्थन करती है.

मोदी सरकार स्वामीनाथन जी और चौधरी चरण सिंह को एक तरफ भारत रत्न देती है, लेकिन दूसरी ओर किसानों के खिलाफ जंग छेड़े हुए है. स्वामीनाथन ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की बात कही थी, लेकिन सरकार उनकी सिफारिशों को लागू नहीं करती. ऐसे में भारत रत्न देकर पाखंड नहीं किया जा रहा तो और क्या हो रहा है ?

विगत 7-9 फरवरी को देश के 50 विश्वविद्यालय में एक लाख छात्रों के बीच यंग इंडिया रेफरेंडम हुआ. 90 प्रतिशत छात्रों ने शिक्षा-रोजगार के सवाल पर अपना आक्रोश व्यक्त किया. कई जगहों पर एबीवीपी के लोगों ने हमला किया. जाति सर्वेक्षण, दलित-गरीबों के आरक्षण, गरीबी उन्मुलन जनता के एजेंडे हैं और इसी पर हम आगामी चुनाव लड़ेंगे. नीतीश जी को मुखौटा बनकार भाजपा ने बिहार की सत्ता हड़प जरूर ली है, लेकिन मोदी सरकार को हटाने में बिहार की भूमिका जबरदस्त रहेगी. सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है. राज्य की नई परिस्थिति में सभी न्यायपसंद लोग एक साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे.

संवाददाता सम्मेलन में राज्य सचिव कुणाल, मीना तिवारी, शशि यादव और विधायक दल नेता महबूब आलम भी उपस्थित थे.

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