समकालीन जनमत
ख़बर

राजू यादव की जीत हिटलरशाही की ताबूत पर लोकशाही का कील ठोंकने का काम करेगी : दीपंकर

माले प्रत्याशी राजू यादव के नामांकन के मौके पर रमना मैदान में विशाल जनसभा

आरा: 25 अप्रैल. राजद महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले प्रत्याशी राजू यादव के नामांकन के अवसर पर स्थानीय रमना मैदान में एक विशाल जनसभा हुई, जिसे संबोधित करते हुए भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि अब तक इस मुल्क में जितने चुनाव हुए हैं, यह चुनाव उन सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक है। यह इस लोकतंत्र में परीक्षा की घड़ी है। जनता ने जो प्रश्नपत्र मोदी सरकार के लिए सेट किए हैं, आज वह उससे भाग रही है कि वह पांच साल के वादों से जुड़े प्रश्नों का जवाब नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि पहली बार वोट देने वाले नौजवान वोटरों से मोदी पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट मांग रहे हैं, तो पुलवामा पर वोट जरूर पड़ेंगे, पर उनके खिलाफ पड़ेंगे। विदेश दौरों के लिए उनके पास पैसे हैं, पर जवानों के लिए पैसा नहीं है। पुलवामा में जवानों की शहादत के लिए मोदी सरकार खुद जिम्मेवार है, पर उन्हीं के नाम पर वह वोट मांग रही है और दूसरी ओर प्रज्ञा ठाकुर जैसी आतंकी को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले शहीद हेमंत करकरे का अपमान किया है।

मोदी सरकार कृषि, रोजगार, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि सारे मोर्चों पर विफल रही है। भ्रष्टाचार को इसने संस्थाबद्ध कर दिया है। चुनाव में चंदा कौन कंपनी दे रही है, यह जाहिर न हो इसको सरकार ने बकायदा कानूनी दर्जा दे दिया है। यह सरकार लोगों की नागरिकता और सामाजिक आधार पर निर्धारित आरक्षण के अधिकार को खत्म करने में लगी हुई है। एक तरह इसने अंबानी-अडानी जैसे पूंजीपतियों को देश के जल-जंगल-जमीन को लूटने की छूट दे दी है, वहीं दूसरी ओर सरकारी नौकरियों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-स्वास्थ्य आदि पर सिर्फ उच्च मध्यवर्ग का कब्जा हो, इसके लिए काम कर कर रही है।

का. दीपंकर ने कहा कि भाजपा-आरएसएस इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बदलकर हिटलरशाही थोपना चाहते हैं। पिछले चुनाव में महागठबंधन बना था, पर नीतीश कुमार ने जनादेश से गद्दारी की और बिहार को सांप्रदायिक-सामंती-संघी उत्पात और उन्माद के हवाले कर दिया। इस लिए यह चुनाव नीतीश कुमार से भी बदला लेने का चुनाव हो गया है।

उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि के नाम पर सांप्रदायिक उन्माद भड़काए जाने से लेकर बाबरी मस्जिद ध्वंस, अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल और गुजरात जनसंहार के दौर में भी भोजपुर से भाजपा की जीत नहीं हुई थी। लेकिन 2014 में भाजपा ने आरा संसदीय सीट पर कब्जा कर लिया था। यह भोजपुर की इंकलाबी जमीन पर एक कलंक के धब्बे की तरह था। हम पर सामंती-तानाशाही दंबगीयत का एक माॅडल थोपा गया, पर इस बार भोजपुर को आरएसएस-भाजपा के चंगुल से आजाद करा लेना है। जनांदोलन के माॅडल को स्थापित करना है, जहां जनप्रतिनिधि हमेशा जनता के संकट और संघर्षों के साथ खड़ा रहता है। राजू यादव की जीत हिटलरशाही की ताबूत पर लोकशाही का कील ठोंकने का काम करेगी। भोजपुर की धरती पर सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता चाहने वालों की एकता जरूर रंग लाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भाजपा सरकार द्वारा एसटी-एससी कानून को कमजोर किए जाने, जनसंख्या और सामाजिक आधार पर आरक्षण के बजाए सवर्ण आरक्षण लागू करने, गरीबों-महादलितों-दलितों को मतदाता सूची से बाहर करने और नागरिकता के अधिकार से वंचित किए जाने की साजिशों की चर्चा करते हुए राजू यादव को तीन तारा वाले झंडे पर बटन दबाकर भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की।

राजद के पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि आज तक ऐसा दूसरा कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ जो देश के संविधान का अपमान करता हो। जितने साहस से लोग सच नहीं बोल पाते, उतने साहस से यह झूठ बोलता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रज्ञा ठाकुर को पांच हजार की हिंदू सभ्यता का प्रतिनिधि बताना हिंदुओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र ही है, कि आज पिछड़े और दलित समुदाय के लोगों को जनप्रतिनिधि बनने का मौका मिला है। भाजपा-आरएसएस इस लोकतंत्र को ही खत्म करना चाहते हैं। मोदी ऐसे पिछड़े हैं, जो अगड़ों के एजेंट हैं।

बक्सर से महागठबंधन के प्रत्याशी वरिष्ठ राजद नेता जगतानंद सिंह ने कहा कि राजद ने राजू यादव को सौ फीसदी समर्थन किया है। उनकी निश्चित तौर पर जीत होगी।

वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा-संघ विभाजनकारी ताकत हैं, इनके खिलाफ बड़ी एकता के वे पक्षधर हैं। उनके समुदाय और पार्टी समर्थकों का वोट राजू यादव को मिलना तय है।

ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव और भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने कहा कि भोजपुर में दशकों से बराबरी और न्याय के लिए जो संघर्ष चल रहा है, का. राजू यादव उस संघर्ष के प्रतिनिधि हैं। आज इस देश में बेरोजगारी, कृषि संकट, महंगाई, गैरबराबरी चरम पर है। गरीबों, दलितों, आदिवासियोें, महिलाओं, किसान-मजदूरों सब के संवैधानिक अधिकारों पर यह सरकार हमला कर रही है। इस वक्त जनता के अधिकारों के लिए लड़ने वाले राजू यादव जैसे प्रतिनिधियों को संसद में भेजना बेहद जरूरी है।

माले विधायक दल के नेता का. महबूब आलम ने कहा कि आरा में एकता अचानक नहीं बनी है, बल्कि बिहार विधान सभा में सृजन घोटाला, मुजफ्फपुर शेल्टर कांड जैसे कई मुद्दों पर भी जनप्रतिनिधियों की एकजुटता बनी है। इस वक्त भाजपा-आरएसएस को पराजित करने की जरूरत को भाकपा-माले ने शिद्दत से महसूस किया है और उसी कार्यनीति पर अमल कर रही है।

आरा संसदीय क्षेत्र से भाकपा-माले प्रत्याशी का. राजू यादव ने कहा कि देश का लोकतंत्र, संविधान, आरक्षण का अधिकार बचाने की लड़ाई है। इस देश को गोडसे का नहीं, बल्कि भगतसिंह और डाॅ. अंबेडकर के सपनों का देश बनाना है। भाजपा के शासन में हो रहे अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई का झंडा लेकर वे चुनाव के मैदान में हैं। उनकी जीत भोजपुर की जनता की जीत होगी।

भाकपा-माले के पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल चल रहा है। कर्ज माफी की मांग करने वाले किसानों पर गोलियां चल रही हैं, शिक्षा के अधिकार की मांग करने वाले छात्र देशद्रोही बताए जा रहे हैं, रोजगार मांगने वाले नौजवान जेलों में डाले जा रहे हैं। महिलाओं सुरक्षा की जगह उनके साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। मानवाधिकार की बात करने पर नक्सली कहा जा रहा है। इसलिए सत्ता को बदलना बेहद जरूरी है।

सीपीआई-एम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि लाल झंडे का मकसद भाजपा को हराना और देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाना है। राजू यादव की जीत से संसद में गरीबों की आवाज गूंजेगी।
सीपीआई के राज्य सचिव मंडल के सदस्य विजय नारायण मिश्र ने कहा कि इस बार के चुनाव में प्रमुख मुद्दा यह है कि इस देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था रहेगी या नहीं। जिन्हें लोकतंत्र को बचाना है, वे राजू यादव को जिताएंगे।

पूर्वविधान पार्षद और जाने-माने साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने कह कि आज यह सवाल यह है कि भारत जिस रूप में एक देश रहा है, उस रूप में रहेगा या नहीं। इसी मायने में यह खास चुनाव है। इस देश के गरीबों, मजदूर-किसानों, अकलियतों और वंचितों की आवाज को संसद में पहुंचाने के लिए राजू यादव को विजयी बनाना चाहिए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने भाकपा-माले के पूर्व महासचिव विनोद मिश्र को याद करते हुए कहा कि भोजपुर ने संघर्षों के जरिए इंकलाब की इबारत लिखी है। आरा बिहार और भारत की जनता के लिए एक बड़ी उम्मीद है।

मुंबई से आए फिल्मकार अविनाश दास ने कहा कि मोदी शाह की जोड़ी ने देश को नर्क बना दिया है। इनसे मुक्ति जरूरी है। राजू यादव की जीत जरूर एनडीए की ताबूत में एक कील का काम करेगी।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष त्रिवेणी सिंह ने कहा कि मोदी जनता के नहीं, बल्कि अंबानी-अडानी के प्रधानमंत्री हैं।

शाहपुर के विधायक राहुल तिवारी, जगदीशपुर के राजद विधायक रामबिशुन लोहिया, बड़हरा के विधायक सरोज यादव, आरा के विधायक अनवर आलम, संदेश के विधायक अरुण यादव, ऐपवा नेता का. मीना तिवारी, पूर्व विधान पार्षद लालदास राय, वर्तमान विधान पार्षद राधाचरण शाह, भाकपा-माले केंद्रीय कमिटी सदस्य मनोज मंजिल, रालोसपा के जिला अध्यक्ष रोहित कुशवाहा, भाकपा-माले के पूर्व विधायक का. चंद्रदीप सिंह, राजद नेता बीरबल यादव ने भी जनसभा को संबोधित किया।
जनसभा की अध्यक्षता पूर्व विधायक और चुनाव अभियान समिति के संयोजक राजद नेता बिजेंद्र यादव ने की और संचालन तरारी के भाकपा-माले विधायक का. सुदामा प्रसाद ने किया।

इस मौके पर भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, का. रामजी राय, का. सरोज चौबे, माले राज्य सचिव का. कुणाल, आरती देवी समेत भाकपा-माले, राजद और महागठबंधन के कई जनप्रतिनिधि और नेता मौजूद थे।

जनसभा के दौरान जनकवि कृष्ण कुमार निर्मोही, सीताराम पासवान, पन्नालाल पासवान, त्रिभुवन पासवान, ब्यास सुदर्शन यादव, हिरावल के संतोष झा, प्रीति प्रभा, सुमन कुमार आदि ने चुनावी जनगीत भी सुनाए। इस अवसर पर भाकपा-माले, राजद और महागठबंधन के अन्य दलों के समर्थक अपने अपने झंडे, बैनर और गाजे-बाजे के साथ जनसभा में शामिल हुए।

Related posts

Fearlessly expressing peoples opinion