लखनऊ 27 दिसंबर. ‘ सुबह 9 बजे के करीब मालूम चला कि गोल्डी घर से थोड़ी दूर सीताराम बाग में समाधि के पास बेहोश पड़ी है। जब हम पत्नी के साथ भाग कर गए तो देखा कि बेटी लहुलुहान हालत में पड़ी है. धारदार हथियार से गर्दन और हाथ पर हमला किया गया था जहां से खून निकल रहा था. मैंने खून रोकने की कोशिश की पर खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था. ’
मेरे दो बेटे और एक बेटी गोल्डी थी. बेटी बहुत होनहार थी. बड़ा बेटा और उसकी पत्नी पुलिस में है. छोटा बेटा और बेटी भी प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. बेटी की पुलिस में नियुक्ति के लिए 27 को मेडिकल था. अगर होती तो वह उसे लखनऊ लेकर जाते. ’
यह कहते हुए शिव कुमार फूट -फूट कर रोने लेगे. उन्नाव जिले के मौरावां के सेवक खेड़ा गांव निवासी शिवकुमारकी बेटी गोल्डी की हत्या कर दी गई है. रिहाई मंच के प्रतिनिधि 27 दिसम्बर को जब उनसे मिलने आये तो उन्होंने घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, सचेन्द्र प्रताप यादव, शकील कुरैशी, विनोद यादव, रविश आलम, जगदीश और राजीव यादव शामिल थे.
शिवकुमार के बेटे धीरज ने बताया कि 2 साल से वह और उनकी बहन गुरुबख्शगंज कोचिंग करने के लिए जाते थे.
चाचा पुत्तू लाल बताते हैं कि कुछ लोगों ने बाद में बताया कि चिल्लाने की आवाज आई थी पर लोग इसका अंदाजा न लगा सके कि इतना बड़ा हादसा हो गया है. वे बताते हैं कि 9 बजे के करीब हत्यारोपी सतीश ने उनको फोन किया था. बुआ रामप्रीत कहती हैं कि दिन दहाड़े बेटी को मार डाला। गर्दन से लेकर पूरा शरीर खून से लथपथ था. उसने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की उसकी हथेली इस हालत में जख्मी हो गई.
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि उन्नाव हो या आगरा पूरे सूबे में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि हत्या करने के बाद वो परिजनों तक को फोन कर इस बात का एहसास करा रहे हैं कि उनका कुछ नहीं होने वाला है. जिस प्रकार उन्नाव मामले में भाजपा विधायक सेंगर को बचाने में सरकार ने खुलकर हिमायत की उसने अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ा दिए हैं कि कानपुर में पुलिसकर्मी तक की बेटी के साथ बलात्कार कर थाने के सामने फेंक दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि आसिफा हो या संजलि, बेटी बेटी होती है. धर्म जाति की नजर से देखने वाली राजनीति जब आसिफा के बलात्कार आरोपियों के पक्ष में जुलूस निकालती है तो उसे इस बात को समझना चाहिए कि बलात्कार को बढ़ावा देने की यह जेहनियत उनकी बेटियों के लिए खतरनाक होगी. इसी जेहनियत ने पिछले दिनों बुलंदशहर में सुबोध कुमार की हत्या कर दी.