समकालीन जनमत
ख़बर

डा. पायल की आत्महत्या सांस्थानिक हत्या है, समाजिक संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

लखनऊ. हजरतगंज स्थित बाबा साहब डा अम्बेडकर की प्रतिमा पर 27 मई को  शहर के विभिन्न जन संगठनों ने मुम्बई के मेडिकल काॅलेज की छात्रा डा.पायल की आत्महत्या के विरोध में प्रदर्शन किया और इस आत्महत्या को सांस्थानिक हत्या कहा। इसके लिए हमारे देश की मनुवादी सामाजिक व्यवस्था जिम्मेदार है। मांग की गयी कि डा. पायल के साथ न्याय किया जाय और दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई हो।

इस मौके पर सभा भी हुई जिसकी अध्यक्षता जाने माने सामाजिक चिन्तक प्रो रमेश दीक्षित ने की तथा संचालन किया ‘अदहन’ पत्रिका के संपादक, दलित चिन्तक व लविवि के प्रो रविकान्त ने।

सभा को जन संस्कृति मंच के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर व उपाध्यक्ष भगवान स्वरूप कटियार, एपवा की मीना सिंह व सरोजनी बिष्ट, कांग्रेस के अनूप पटेल, विद्यार्थी चेतना फाउण्डेशन के महेन्द्र यादव, आइसा के शिवा रजवार आदि ने संबोधित किया।

वक्ताओं का कहना था कि डॉक्टर पायल को आत्महत्या के लिए विवश किया गया इसलिए कि वे आदिवासी समाज से आती थीं। देश बदल रहा है पर यह ऐसा बदलाव है जिसमें दलित, पिछड़े व आदिवासी समाज का आगे बढ़ना इस व्यवस्था को स्वीकार नहीं। उत्पीड़कों को मौजूदा सत्ता व व्यवस्था से ताकत मिलती है। इसी तरह की घटना हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला के साथ भी घटी थी। वह हत्या भी सांस्थानिक हत्या थी।


वक्ताओं का यह भी कहना था कि देश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों का उत्पीड़न आम बात हो गयी है। आज जिस तरह की सत्ता व्यवस्था है, उसमें उत्पीड़न करने वालों को प्रोत्साहन मिल रहा है। समाज में भेदभाव बढ़ रहा है। ऐसी ही स्थिति पैदा की गयी जिसमें डॉक्टर पायल ने आत्महत्या करने को बाध्य हुई।

वक्ताओं की मांग थी कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में दलित, पिछडे, आदिवासी, मुस्लिम छात्रों के सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाएं। साथ ही ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए जो विद्या के मंदिर में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जातिवादी व्यवहार करते है। इन संस्थानों में व्याप्त भेदभाव खत्म किया जाय और लोकतांत्रिक माहौल निर्मित किया जाय। इस विरोध प्रदर्शन में मो कलीम खान, कमला, कमलेश, सुषमा, अरुण यादव, अमित मंडल, आनन्द कुमार, योगेन्द्र यादव आदि शामिल हुए।

Related posts

5 comments

Comments are closed.

Fearlessly expressing peoples opinion