भूखे प्यासे दिल्ली एनसीआर से पैदल आए ये मजदूर नहीं कीड़े मकोड़े हैं, ये बैक्टीरिया और वायरस की वाहक मक्खियाँ और मच्छर हैं। कम से कम यूपी सरकार और यूपी प्रशासन इन्हें यही समझता है। तभी तो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में यूपी प्रशासन ने दिल्ली एनसीआर से कई दिनों की पैदल यात्रा तय करके जैसे ही अपने गृहनगर पहुंचे सैकड़ों मजदूरों, महिलाओं और छोटे बच्चों को जमीन पर बैठाकर उनके ऊपर डिसइंफेक्ट दवाई का छिड़काव करवाया।
बता दें कि कल रविवार 29 मार्च को जैसे ही ये मजदूर बीबी बच्चों के साथ सेटेलाइट बस अड्डे पर बस मिलने की आस में पहुँचे वैसे ही पुलिस ने और ट्रैपिक पुलिस कर्मियों ने उन्हें सड़क पर ही बिठा दिया। फिर आफिसर ने आदेश दिया कि इन्हें दवा छिड़ककर सैनिटाइज करो। इसके बाद कुठ सिपाही इन मजदूरों के पास आए और और आदेश देकर बोले कि अपनी अपनी आँखे मूँद लो। उस समय वहां सौ से ज्यादा मजदूर थे जिनमें महिलाओं और बच्चे भी थे। और अगले ही पल उन पर दमकल गाड़िय़ों से सोडियम हाईपोक्लोराइड घोल का छिड़काव कर दिया गया। थोड़ी देर बाद इन्हें दूसरी दिशा में मुड़कर बैठने को कहा गया और दोबारा से छिड़काव किया गया।
छिड़काव के वक्त छोटे छोटे बच्चे रोते बिलखते रहे लेकिन छिड़काव करने वालों पर रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ा। उन्हें फायर ब्रिगेड के सोडियम हाईपोक्लोराइड य़ुक्त पानी से नहलाया गया।
जिसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की। इनके ऊपर डिसइंफेक्ट का छिड़काव कर इन्हें अपने घर भेज दिया गया। आंखों में जलन की शिकायत के बावजूद किसी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया।
INHUMAN:-Bareilly UP.
UP प्रशासन का अमानवीय चेहरा
बरेली ज़िले में दिल्ली, हरियाणा,नोएडा से आए सैकड़ों मज़दूरों और बच्चों को ज़मीन पर बैठा कर उनके ऊपर Disinfectant का छिड़काव किया गया,जिसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की..via @Benarasiyaa pic.twitter.com/Hp1dqoN0x6— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) March 30, 2020
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बरेली की जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बरेली जिले में लौटे दिल्ली, हरियाणा, नोएडा से आए सैकड़ों मजदूरों, महिलाओं और छोटे बच्चों को जमीन पर बैठाकर उनके ऊपर डिसइंफेक्ट दवाई का छिड़काव किया गया ताकि संक्रमण की संभावना को खत्म किया जा सके।
मनुष्य़ और निर्जीव स्थान में फर्क करने तक की क्षमत नहीं यूपी प्रशासन में इस अमानवीय घटना से कम से कम ये तो साबित होता है कि मनुष्य़ और निर्जीव स्थान में फर्क करने तक की क्षमता यूपी प्रशासन में नहीं है। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि पुलिस महकमें में भर्ती किए गए लोग अशिक्षित असंवेदनशील और क्रूर मानसिकता वाले लोग हैं। ट्रेनिंग देते समय उन्हें सजीव औऱ निर्जीव का भेद क्यों नहीं सिखाया गया। आखिर उन्हें कीड़े मकौड़े और मनुष्य के बीच का भेद करना क्यों नहीं सिखाया गया। उन्हें क्यों नहीं सिखाया गया कि ये दवाईया मनुष्यों के लिए नहीं हैं।
बरेली के डीएम की लीपापोती
इस पूरे वाकये पर बरेली के जिलाधिकारी ने ट्वीट करके प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है-, “इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। https://t.co/y8TmuCNyu5
— District Magistrate (@dmbareilly) March 30, 2020